आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर 7,500 पूर्व सैनिकों को दी जाएगी कमेंट्री रिंग
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पुणे: संकेत बीयाणे द्वारा बनाई गई भूतपूर्व सैनिकों के लिए पहली कमेंट्री रिंग यह अंगूठी 15 अगस्त को अमृत महोत्सव के अवसर पर 7500 पूर्व सैनिकों को उपहार में दी जाएगी, यह कमेंट रिंग भारत के सभी राज्यों से एकत्रित सोने, चांदी, हीरे और मिट्टी से बनी एक इंडिया रिंग जिस पर भारत लिखा है। सीमा पर जवानों के पराक्रम और बलिदान की याद में संकेत बियाणे ने 7500 पूर्व सैनिकों को यह रिंग देने की पहल की है।
यह पहल "बोनिसा" ज्वेलर्स, पुणे द्वारा कार्यान्वित की जा रही है और इस पहल के तहत, खड़की में पैराप्लेजिक रिहैबिलिटेशन सेंटर (पीआरसी) में 88 पूर्व सैनिकों को 'वन इंडिया रिंग्स' दिया गया है। इसकी शुरुआत 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन हुई थी। संकेत बी बियाणी ने बताया कि यह रिंग देशभर के विभिन्न राज्यों के पूर्व सैनिकों को दी जाएगी। स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस दो दिन होते हैं जब हम सैनिकों को याद करते हैं, सीमा पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हैं और पूर्व सैनिकों का सम्मान करते हैं। लेकिन देश के लिए उनके द्वारा की गई सेवा हमेशा उनकी याद में बनी रहे, इसके लिए भारत एक रिंग बन जाएगा और 26 अगस्त को स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अवसर पर 7,500 सैनिकों को दिया जाएगा। संकेत बियाणे ने यह राय व्यक्त की।
भारत रिंग' चांदी से बनी है (जो हमें शांत रखती है), सोना (जो 'भारत' का प्रतीक है), हमारे देश के प्रत्येक राज्य की मिट्टी (एकता के लिए) और हीरे (हम में से हर एक हीरा है) से बना है। यह रिंग देश के लिए दुनिया की पहली राष्ट्र-समर्पित, 'प्रतिबद्धता' की रिंग है और हमारा लक्ष्य इस वर्ष स्वतंत्रता के 75वें वर्ष पर 7500 से अधिक सैनिकों को यह रिंग समर्पित करना है। यह रिंग्स चांदी से बनी है और इसमें सोने के अक्षरों में 'भारत' लिखा है जो भारत को 'सोने की चिड़िया' होने का प्रतीक है और विशेष रूप से 29 राज्यों से मिट्टी मंगाई है। यह बात संकेत बी बियाणी ने कही।
इस गिंग को बनाने के पीछे का विचार"बोनिसा" ज्वैलर्स खासतौर पर इस भारत रिंग्स को बनाने के लिए जानी जाती है। इसलिए हमने 'प्रतिबद्धता की रिंग' को अपने देश की एकता का प्रतीक माना। इस रिंग का विचार मुझे एक पॉडकास्ट सुनते समय आया और हमने सैनिकों के प्रति आभार प्रकट करने के लिए एक रिंग देने का फैसला किया। मुझे लगता है कि प्रतिबद्धता पति और पत्नी या अन्य रिश्तों तक ही सीमित नहीं है। देश के प्रति हमारी भी प्रतिबद्धता है, संकेत बी बियाणे ने भी यह बात कही कि हम ही नहीं, कोई भी अपने सैनिकों को यह रिंग भेंट कर इस मुहिम का हिस्सा बन सकता है। यह अभिनव पहल 26 जनवरी को शुरू हुई थी और अब तक 200 पूर्व सैनिकों को यह रिंग दी जा चुकी है। इसमें पूर्व सैनिकों की, बहादुर पत्नियों शामिल हैं और इस पहल के तहत देश के विभिन्न राज्यों के पूर्व सैनिकों को यह रिंग दी जाएगी।
संकेत बियाणे बता रहे है इस पहल के बारे में