महंगे हो गए हैं अमूल के ये उत्पाद, जानिए किस आइटम पर कितना बढ़ा है दाम
एक कप 200 ग्राम दही में 1 रुपए की बढ़ोतरी की गई है। उस समय एक कप 400 ग्राम दही में 2 रुपए की बढ़ोतरी की गई है। अमूल ने अपने छाछ के पाउच की कीमतों में भी इजाफा किया है।
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मुंबई: गुजरात सरकार की मान्यता प्राप्त दूध संस्था ने लगातार बढ़ती महंगाई के बीच अमूल ने अपने उत्पादों के दाम बढ़ा दिए हैं। अमूल ने दही, छाछ और लस्सी के दाम बढ़ा दिए हैं. अमूल दही के 400 ग्राम पाउच में 2 रुपए की बढ़ोतरी की गई है। फिर 1 किलो दही के पाउच में 4 रुपए की बढ़ोतरी की गई है, इसके पहले मार्च महीने में दामों को बताया था। गौरतलब है कि अमूल डेयरी ने पिछले महीने 1 मार्च को दूध की कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा की थी। उसके बाद गुजरात की लगभग सभी बड़ी डेयरियों ने दूध के दाम बढ़ा दिए. यूक्रेन युद्ध और महामारी के कारण अमूल का निर्यात बढ़ा है। जिससे कीमतों में भी लगातार इजाफा हो रहा है। बढ़ती कीमतों को लेकर अमूल के एमडी ने कहा कि निकट भविष्य में दूध के दाम बढ़ते रहेंगे, लेकिन घटेंगे नहीं. ऐसे में दूध के दाम में कमी की कोई संभावना नहीं है। दूध की कीमतों में पिछले दो साल में 8% की बढ़ोतरी हुई है। बीच में छाछ की कीमतों और अमूल बटर की कीमत में भी बढ़ोतरी की थी।
अब आपको यह भाव में लेना पड़ेगा अमूल का सामान
1) मस्ती दही 200 ग्राम कप 1 रुपये बढ़ा
2) मस्ती दही 400 ग्राम 2 रुपये बढ़ा
3) एक किलो पाउच में मस्ती दही 4 रुपये बढ़ा।
4) छाछ के 500 मिलीलीटर पाउच में 1 रुपये की वृद्धि।
5) अमूल लस्सी 170 ग्राम पाउच में 1 रुपये की बढ़ोतरी
इसके साथ ही एक कप 200 ग्राम दही में 1 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। उस समय एक कप 400 ग्राम दही में 2 रुपए की बढ़ोतरी की गई है। अमूल ने अपने छाछ के पाउच की कीमतों में भी इजाफा किया है। अमूल ने 500 मिलीलीटर छाछ पाउच की कीमत में 1 रुपये की बढ़ोतरी की है। जबकि छाछ के 1 लीटर पाउच पर फिलहाल कोई कीमत वृद्धि सामने नहीं आई है। इसके अलावा अमूल ने लस्सी के 170 एम.एल पाउच की कीमत में 1 रुपये की बढ़ोतरी की है। जबकि 200 मिलीलीटर कप लस्सी पर कोई मूल्य वृद्धि नहीं की गई है। हालांकि, यह मूल्य वृद्धि मंगलवार से प्रभावी होगी।
अमूल भारत का एक दुग्ध सहकारी आन्दोलन है जिसका मूल आणंद (गुजरात) में है। यह एक ब्रान्ड नाम है जो गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ लिमिटेड नाम की सहकारी संस्था के प्रबंधन में चलता है। गुजरात के लगभग 26 लाख दुग्ध उत्पाद दुग्ध विपणन संघ लिमिटेड के अंशधारी (मालिक) हैं। अमूल, संस्कृत के अमूल्य का अपभ्रंश है; अमूल्य का अर्थ है- जिसका मूल्य न लगाया जा सके। अमूल, गुजरात के आणंद मेँ स्थित है। यह किसी सहकारी आन्दोलन की दीर्घ अवधि में सफलता का एक श्रेष्ठ उदाहरण है। यह विकासशील देशों में सहकारी उपलब्धि के श्रेष्ठतम उघरणों में से एक है। अमूल ने भारत में श्वेत क्रांति की नींव रखी जिससे भारत संसार का सर्वाधिक दुग्ध उत्पादक देश बन गया है। अमूल ने ग्रामीण विकास का एक सम्यक मॉडल प्रस्तुत किया है। अमूल (आणंद सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ), की स्थापना 14 दिसम्बर, 1946 मेँ एक डेयरी यानि दुग्ध उत्पाद के सहकारी आन्दोलन के रूप में हुई थी। जो जल्द ही घर घर मे स्थापित एक ब्रांड बन गया जिसे गुजरात सहकारी दुग्ध वितरण संघ के द्वारा प्रचारित और प्रसारित किया गया। अमूल के प्रमुख उत्पाद हैं: दूध, दूध के पाउडर, मक्खन (बटर), घी, चीज, दही, चॉकलेट, श्रीखंड, आइसक्रीम, पनीर, गुलाब जामुन, न्यूट्रामुल आदि।