धुले शहर पुलिस ने एक युवक को नशीली खांसी दवा की 200 बोतलों के साथ किया गिरफ्तार किया
खांसी के सिरप और बेहोश करने वाले इंजेक्शन की किल्लत बढ़ा दी है। मोटे मुनाफे के लिए खांसी के सिरप को बढती मांगे आने पर लाया जाता है।
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धुले: धुले नगर पुलिस की टीम ने संतोषी माता चौक पर छापेमारी के दौरान एक युवक को नशीली दवा की बोतल के साथ गिरफ्तार किया है. उसके पास से 199 बोतलें जब्त की गई हैं। यह कार्रवाई धुले नगर पुलिस ने आज सुबह तड़के की है. धुले नगर थाने में युवक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. नगर थाने के पुलिस निरीक्षक नितिन देशमुख को गुप्त सूचना मिली कि अजहरुद्दीन शेख रफीउद्दीन शेख संतोषी माता चौक पर तड़के एक बैग में बिना डॉक्टर की पर्ची के नशीली दवाओं का जखीरा ले जा रहा है।
इसी के तहत पुलिस टीम ने आज सुबह पांच बजे संतोषी माता चौक पर जाल बिछाकर यह कार्रवाई की। जैसे ही युवक को एक बैंग के साथ देखा शक हुआ तो उसे पकड़ लिया गया। पूछताछ में उसने अपना नाम अजहरुद्दीन शेख रफीउद्दीन शेख (उम्र 21, भोला बाज़ार, अस्सी फुट रोड, धुले) का रहने वाला बताया। पुलिस ने उसके पास से हाइड्रोक्लोराइड रैक्सन टी नाम की 199 बोतल, एक मोबाइल फोन और 27 हजार 60 रुपये मूल्य का एक बैग जब्त किया। उनके पास इन खांसी दवा की बोतलों के लिए कोई खरीद रसीद या डॉक्टर के पर्चे नहीं थे। आरोपी ने बताया कि पूछताछ में बताया कि बरामद दवा की नशीली बोतले मीना बाई की हैं पुलिस ने उसके खिलाफ भी धुले नगर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। इस पूरे मामले पर नितिन देशमुख (पुलिस इंस्पेक्टर, धुले शहर ने दी।
हालत ये है कि बिहार और बांग्लादेश में खांसी सिरप तीन गुना तो इंजेक्शन दस गुनी कीमत पर बेचे जा रहे हैं। ऐसे में शहर में ब्रांडेड कंपनी के खांसी के सिरप ढूंढने से भी नहीं मिल रहे है। खांसी के सिरप मिट्स लिंटस कोडीन, कोरेक्स, फैंसी ड्रिल आदि में कोडीन की मात्रा रहती है। नशे के आदी लोग इसकी अधिक मात्रा लेकर अपना शौक पूरा करते हैं। बिहार और बांग्लादेश में शराबबंदी के चलते इसकी जबरदस्त मांग है। नशाखोर सिरप और इंजेक्शन के लिए ज्यादा कीमत देते हैं। ऐसे में कालाबाजारी करने वाले जरूरतमंद लोगों को 10 गनी कीमतों में बेचते है खपा रहे हैं। इन सिरप की सामान्य कीमत 70 से 80 रुपये है, जिसकी कीमत 200 रुपये तक मिलती है। ऐसा ही फोर्टविन इंजेक्शन के साथ है। ये किसी भी ऑपरेशन से पहले मरीज को बेहोश करने के लिए किया जाता है। एक इंजेक्शन पांच रुपये की कीमत का है, जो 50 रुपये में भी बहुत मुश्किल से मिल रहा है। मरीज खांसी का जेनेरिक सिरप खरीद कर रहे हैं तो ऑपरेशन के लिए फोर्टविन इंजेक्शन की मनमानी कीमत देने को मजबूर हैं।
खांसी के सिरप और इंजेक्शन की कालाबाजारी पर मुंबई पुलिस की एंटी नारकोटिक्स सेल नारकोटिक्स, और केंद्रीय नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो साल भर में कई जगहों छापा मार चुकी है। लेकिन कई संदिग्ध विक्रेताओं का अब तक कोई पता नहीं चला है। मुंबई पुलिस ने एक टैक्सी चालक को ठीक इसी तरह की भारी मात्रा में बोतलों के साथ गिरफ्तार किया था। बहुत सी खेप बरामद हुई लेकिन मुक्य सप्लायर कौन है इनका यह सामने नहीं आया है। जबकि की बिना डॉक्टर प्रिस्क्रिप्शन के यह दवा की दुकानों पर नहीं दिया जाता अगर किसी के पास मिलती है तो यह गुनाह है!