जिसके जिगर में समाया है पूरे हिंदुस्तान का दर्द
X
पिछले चार माह से भारत में एक ऐसा जननायक उभर कर आया है, जिसका हर कोई दीवाना बन गया है। देश-विदेश में बसे और फंसे भारतीय उसकी तरफ उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं. लाकडाउन के दौरान जब मायानगरी में सोनू सूद कोरोना से परेशान घर लौटने की हसरत रखने वाले प्रवासी मजदूरों की वापसी के इंतजाम का सिलसिला शुरू किया, तो लोगों को लगा कि चार-पांच बस रवाना करने के बाद यह सिलसिला थम जाएगा. लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि यह सिलसिला अभी भी जारी है।
अब सोनू सूद दुनिया के दूसरे देशों में फंसे भारतीय छात्र-छात्राओं को विमान से वापस लाने की मशक्कत में जुट गए हैं. कोरोना की दहशत के बीच बस अड्डों पर, रेलवे स्टेशनों पर और हवाई अड्डे पर वे जिस तरह जाते हुए मजदूरों, मरीजों, और दूसरे लोगों को बिदा करते रहे, वह भारत के इतिहास में एक अनोखा दृश्य था, जिसने आज तक कोई चुनाव नहीं लड़ा है, और जिसकी जनता के प्रति ऐसी कोई सार्वजनिक जवाबदेही बनती है, वह कोरोना से बचने का मास्क लगाए हुए हर दिन मजदूरों को बिदा करते हुए, उनकी बसों में चढक़र उनसे वापसी का वायदा लेते हुए जिस तरह दिखा, वह पूरी तरह अनोखा नजारा था।
दक्षिण के तमिलनाडु सहित कई ऐसे राज्य हैं जहां फिल्मी सितारे सीएम की कुर्सी तक पहुंचे, और कई फिल्मी सितारे केन्द्रीय मंत्री भी बने, मगर सोनू सूद न कोई मंत्री हैं, ना ही सांसद फिर भी ट्विटर पर ऐसा कोई दिन नहीं जाता, जब लोग अपने परिवार के गंभीर बीमार के इलाज के लिए उनसे मदद न मांगें, और सोनू सूद हर संभव मदद का पूरा भरोसा दिलाते हैं. अब सोनू सूद ने यह लिखा है- अब है रोजगार की बारी, एक सोनू-सूद-पहल, अब इंडिया बनेगा कामयाब.
जिन लोगों का इंसानियत पर से भरोसा उठ गया है, उन्हें ट्विटर पर जाकर जननायक सोनू सूद का पेज देखना चाहिए, जहां देश भर से लोग लोग भर-भर के दुआएं भेज रहे हैं, उनकी तस्वीरें और पेंटिंग बनाकर पोस्ट कर रहे हैं, और उन्हें देश का एक ऐसा जननायक मान रहे हैं जो कि सरकारों और राजनीति में नहीं है। कहीं कोई अपनी दुकान का नाम सोनू सूद रखता है, तो कोई कुछ। उत्तर भारत से दक्षिण तक हर भारत वासियों के दिलों में बस गए हैं सोनू सूद। इसका कारण यह है कि मदद करने में सोनू सूद भेदभाव नहीं करते। उनके दिल में पूरे हिंदुस्तान का दर्द छिपा हुआ है, वह हर जरूरतमंद की मदद करने भागे-भागे आते हैं।
और पढ़ें