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ब्रह्मपुरी के जंगल में हमला खोर नर बाघ को बंदी बनाने में वन विभाग सफल रहा

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चंद्रपुर: जिले में नर बाघ के हमले में ग्रामीणों में काफी डर व्याप्त था। बाघ ने जून महिने से लेकर अब तक गांवों में तीन बड़े हमलों को अंजाम दिया जिसमें लोगों की मौत हुई थी। लोगों ने इसको लेकर रोष जताया था वनविभाग तक लोगों ने आवाज उठाई थी। जिससे वन विभाग के मुख्य वन संरक्षक ने बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने का आदेश दिया था। जिसमें आज का एएनसी-टी-103 नामक बाघ कैद हो गया।

इस क्षेत्र में जून महीने से अब तक तीन बड़े हमलों में ग्रामीण मारे जा चुके हैं। खरीफ फसलों की बुवाई और रखरखाव के लिए खेतों में गए किसानों को बाघ ने निशाना बनाया था। बाघ को कैद करने का आदेश दिया गया था चंद्रपुर जिले के ब्रह्मपुरी जंगल में हमलावर निकले नर बाघ को वन विभाग कैद करने में सफल रहा है। पकड़े गए बाघ की उम्र महज ढाई साल का है लेकिन हमला करने की उसकी पहल काफी खतरनाक है। कुछ दिन और बाहर रहता तो वो आदमखोर भी बन सकता था।

पकड़े गए नर बाघ T-103 ने जून के बाद से क्षेत्र में तीन बड़े हमलों में ग्रामीण मारे गए। बाघ ने खरीफ फसलों की बुवाई और रखरखाव के लिए खेतों में गए किसानों को निशाना बनाया। इसलिए मुख्य वन्यजीव संरक्षक ने 17 अगस्त को नागरिकों के गुस्से को देखते हुए इस बाघ के पिंजरे में पकड़कर डालने का आदेश दिया था। आज सुबह बाघ ब्रह्मपुरी उपक्षेत्र परिसर के जंगल में भगवानपुर के कक्ष क्रमांक 890 के पास घूमता हुआ दिखाई दिया। चिकित्सा अधिकारी डॉ. रविकांत खोब्रागड़े और सशस्त्र पुलिस अधिकारी अजय मराठे ने ढाई साल के नर बाघ को सटीक डार्ट्स मारकर बेहोश कर दिया।





बाघ का चिकित्सकीय परीक्षण किया जाएगा और उसे चंद्रपुर के वन्यजीव नर्सिंग केंद्र में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। ब्रह्मपुरी शहर के पास इससे इलाके में रहने वाले भयभीत किसानों की समस्या दूर हो गई है जिनके देर शाम सवेरे खेतों में जाने से डर लगता था में बाघ के पकड़े जाने के बाद नागरिकों और किसानों ने राहत की सांस ली है। लोगों ने इसके लिए वन विभाग का धन्यवाद भी किया है।

Updated : 19 Aug 2022 11:35 AM IST
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