दही हांडी पर भी कोरोना मंडराया, मास्क पहन गोविंदाओं ने फोड़ी मटकी
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मुंबई। कोरोना की वजह से महाराष्ट्र के ज्यादातर हिस्सों में इस साल दही हांडी कार्यक्रम नहीं हुए। कहीं कहीं 2 से 5 तक ही मटकी फोड़ने वाले (गोविंदा) मौजूद रहे। महामारी ने इस साल सब बदल दिया। कुछ जगह दही हांडी उत्सव हुए। लेकिन, तरीका बिल्कुल सांकेतिक रहा। न हजारों की भीड़। न ढोल की गूंजा और न लाखों रुपए के इनाम।
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए 5 से 10 गोविंदाओं की टोली ने एक और दो मंजिला पिरामिड बनाकर दही मटकी फोड़ी। ज्यादातर गोविंदाओं ने मास्क पहना। उत्सव में शामिल होने से पहले सबकी स्क्रीनिंग की गई थी। आयोजकों ने सैनिटाइजर भी रखा। कुछ जगह गोविंदाओं ने ब्लड डोनेशन कैंप का भी आयोजन किया। इससे पहले दही हांडी समन्वय समिति की ओर से इस साल भव्य दही हांडी उत्सव नहीं मनाने का फैसला लिया गया। संभागीय पुलिस अधिकारियों ने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव (अष्टमी पूजा) को सरल तरीके से मनाने का निर्देश दिया था।