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नसीम खान और चंद्रकांत हंडोरे की राहुल गांधी से मुलाकात के निकाले महाराष्ट्र कांग्रेस में बदलाव के आसार!!

क्या महाराष्ट्र के दिग्गज नेताओं को किया जा रहा है कांग्रेस पार्टी में दरकिनार, क्यों नहीं दी जा रही है बड़े नेताओं को महाराष्ट्र कांग्रेस में अहमियत!! क्यों हो रह रह कर कांग्रेस में विद्रोह, कई बार लिखा जा चुका है कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को पत्र!!

नसीम खान और चंद्रकांत हंडोरे की राहुल गांधी से मुलाकात के निकाले  महाराष्ट्र कांग्रेस में बदलाव के आसार!!
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मुंबई: मुंबई कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं का दिल्ली में में कांग्रेस महासचिव व सांसद राहुल गांधी से मिलने की चर्चा जोरों पर है। आखिर क्या दर्शाती यह दोनों नेताओं को मुलाकात। कांग्रेस नेता नसीम खान और चंद्रकांत हंडोरे दोनों ही कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में एक है। नसीम खान साकीनाका से तीन बार विधायक और महाराष्ट्र सरकार में खाद्य आपूर्ति मंत्री भी रह चुके है और मुंबई के मुस्लिम समाज पर उनकी अच्छी पकड़ है। जबकि चंद्रकांत हंडोरे मुंबई के महापौर से लेकर तीन बार विधायक और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रह चुके है। उन्हें दलित समाज में एक कद्दावर नेता माना जाता है।


प्रदेश कार्याध्यक्ष के चार लोगों की सूची में यह दोनों नाम मुख्य नसीम खान, चंद्रकांत हंडोरे, मुंबई के प्रमुख नेता है पार्टी के हर मोर्चे एक कार्यक्रम में इन दोनों की 100 फीसदी सहभागी होती है। लेकिन पार्टी में इनकी उपेक्षा क्यों!! जबकि इन दोनों नेताओं की अगर तुलना करें तो एनसीपी नवाब मलिक और छगन भुजबल से की जा सकती है। जो पार्टी के अल्पसंख्यक और दलीत वोटों को बटोरने का काम करते है। कांग्रेस के नसीम खान और चंद्रकांत हंडोरे अपने क्षेत्र और समाज में कद्दावर नेता की पहचान है।


कांग्रेस में कितनी भी खींचतान क्यों न मची हो कभी यह दोनों नेता किसी के समर्थन में न ही कोई पद की लालसा से कभी पार्टी के पास गए है। महाराष्ट्र कांग्रेस में इन दोनों नेताओं के समाजिक और स्थानीय स्तर भारी पकड है। लेकिन उनकी तुलना जिनको पार्टी समझ रही है कि कुछ नेता है तो वो गलत है वो इन नेताओं कि तुलना में आधे भी नहीं है। कांग्रेस ने हाल में महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में कांग्रेस का प्रथम उम्मीदवार के रूप में चंद्रकांत हंडोरे और द्वितीय उम्मीदवार के रूप में दूसरी बार भाई जगताप को एमएलसी के लिए खड़ा किया था। लेकिन पार्टी के नेताओं सहित सभी पार्टी के नेता तब ताज्जुब रह गए? जब कांग्रेस का द्वितीय उम्मीदवार भाई जगताप जीत गए और चंद्रकांत हंडोरे हार गए। विधान परिषद के नेता प्रवीण दरेकर को अपनी जीत की खुशी कम हुई लेकिन चंद्रकांत हंडोरे के हारने का गम ज्यादा था।


वहीं इस बार कांग्रेस से अगर नसीम खान और चंद्रकांत हंडोरे की जोड़ी को विधान परिषद चुनाव में कांग्रेस ने उतारा होता तो पाटी के दो एमएलसी होते है। महाराष्ट्र कांग्रेस में किस तरह सबसे तेज तर्रार प्रवक्ता सचिन सावंत को साइड लाइन किया गया जो एमएलसी के प्रबल दावेदार थे। पार्टी को मौका सभी को देना चाहिए थोड़ा रुक कर। लेकिन कांग्रेस पार्टी ने कई लोगों को एक के बाद एक कई सौगातें देते जा रही है। जो असली दावेदार है वो पीछे है। पार्टी में कई कारणों को लेकर कई विधायकों ने पत्र लिखकर पार्टी अध्यक्ष से नाराजगी जताई लेकिन पार्टी के वफादार और कद्दावर नेता पार्टी के साथ है। पार्टी में सम्मान और काम करने का मौका सबको मिले यह सब चाहते है।

Updated : 7 July 2022 11:37 AM GMT
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