उद्धवजी को परिवार संभालने नहीं आता, महाराष्ट्र क्या संभालेंगे - रामदास कदम
शिवसेना बनाम शिवसेना, कई नेताओं की जुबान फिसली शिवसेना के धनुष के कई बेतुका तीर चले
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स्पेशल डेस्क, मैक्स महाराष्ट्र, मुंबई: शिवसेना के इतिहास में बुधवार का दशहरा ऐतिहासिक बन गया। शिवसेना की दो दशहरा सभाएं थीं। रामदास कदम ने बीकेसी मैदान में हुई बैठक में उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा। शुरुआत में घोषणा करते हुए उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत यह कहकर की कि आवाज शिवाजी पार्क तक जाए।
मैं शिवसेना के 52 साल का गवाह हूं। लेकिन आज की भीड़ पर नजर डालें तो एकनाथ शिंदे का फैसला सही लगता है। उद्धवजी ने अपने भाई जयदेव ठाकरे शिंदे साहब से मुलाकात की, बिन्दुमाधव के बेटे एकनाथ शिंदे के अदालती लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने उद्धव ठाकरे से पूछा कि उनके चचेरे भाई राज ठाकरे उनके साथ नहीं हैं, वह अपने परिवार की देखभाल नहीं कर सकते, फिर महाराष्ट्र की देखभाल क्या पाएगे।
इसके बाद वह फूट-फूट कर बोला कि वह इस बात का गवाह है कि उद्धव ठाकरे ने आनंद दिघे के इस्तीफे की मांग की थी। उद्धवजी ढाई साल में सिर्फ 3 बार ही मंत्रालय गए जबकि अजित पवार दिन-रात मंत्रालय में बैठकर सारी निधि पैसा राकांपा को दे रहे थे। योगेश कदम को कितनी परेशानी हुई? उनसे बेहतर कौन बोलेगा उन्हें भी चुप करा दिया। मुझसे कहा कि रामदास जी तुम मीडिया के सामने नहीं जाने का, मैं आदेश के अनुसार नहीं गया। यहां पर रामदास कदम की जुबान फिसली और उन्होंने आदित्या ठाकरे के बारे में कहा कि आपके के पिल्ला का विधायक बनाने के लिए वर्ली के दो विधायकों को खामोश कर दिया गया।
इसके अलावा उन्होंने सुषमा अंधारे और भास्कर जाधव की भी आलोचना की। कौन है वो भेड़िया भास्कर जाधव? वह कल एनसीपी से आए थे, क्या हमें उनसे शिवसेना सीखनी चाहिए? उन्होंने यह सवाल उठाया। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि उद्धव जी खोखे और गद्दार कहले हमें भाषा आपके और आपके बेटे के मुंह को शोभा नहीं देती।