शिवसेना यूबीटी ने जारी कीए लोकसभा उम्मीदवारों कि लीस्ट, कांग्रेस ने किया विरोध
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लोकसभा चुनाव को लेकर महाराष्ट्र में शिवसेना यूबीटी ने आज अपने 16 उम्मीदवारों कि घोषणा कर दि है, उम्मीदवारो कि घोषणा शिवसेना यूबीटी सांसद संजय राऊत ने शोसल मिडीया प्लेटफार्म एक्स पर लीस्ट जारी कर की। कुछ सीटों पर अभी भी महाविकास आघाडी में बात नहीं बनी थी, जेसे की सांगली सीट जहां से कांग्रेस अपना उम्मीदवार उतारना चाहती थी।
शिवसेना (यूबीटी) लोकसभा उम्मीदवार
1) बुलढाणा- नरेंद्र खेडेकर
2) यवतमाल-वाशिम - संजय देशमुख
3) मावल - संजोग वाघेरे पाटिल
4)सांगली - चंद्रहार पाटिल
5) हिंगोली - नागेश पाटिल अष्टिकर
6) संभाजीनगर - चंद्रकांत खैरे
7) धाराशिव - ओमराज निंबालकर
8) शिरडी - भाऊसाहेब वाघचौरे
9) नासिक - राजाभाऊ वाजे
10) रायगढ़ - अनंत गीत
11) सिंधुदुर्ग - रत्नागिरी - विनायक राउत
12) ठाणे - राजन विचारे
13) मुंबई उत्तर पूर्व - संजय दीना पाटिल
14) मुंबई दक्षिण - अरविन्द सावंत
15) मुंबई उत्तर पश्चिम - अमोल कीर्तिकर
16) परभणी - संजय जाधव
17)मुंबई साउथ सेंट्रल- अनिल देसाई
हिंदूहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बाळासाहेब ठाकरे यांच्या आशीर्वादाने आणि शिवसेना पक्ष प्रमुख श्री.उद्धवजी ठाकरे यांच्या आदेशाने शिवसेनेच्या 17 लोकसभा उमेदवारांची यादी जाहीर करण्यास येत आहे..
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) March 27, 2024
*मुंबई दक्षिण मध्य:श्री अनिल देसाई यांच्या उमेदवारीची घोषणा करण्यात येत आहे.
इतर 16 उमेदवार… pic.twitter.com/nPg2RHimSF
आज कि लीस्ट में 16 प्रत्याशियों की घोषणा की गई है। वरिष्ठ नेता संजय राउत का कहना है कि उनकी पार्टी 22 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। पहली सूची में दो पूर्व केंद्रीय मंत्रियों को भी जगह दी गई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत गीते रायगढ़ से चुनाव लड़ेंगे जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत दक्षिण मुंबई से चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा पार्टी ने ठाणे से राजन विचारे, मुंबई उत्तर-पश्चिम से अमोल कीर्तिकर और मुंबई उत्तर-पूर्व से संजय पाटिल को भी चुनाव मैदान में उतारा है।
वहीं शिवसेना (यूबीटी) की ओर से मुंबई में पांच लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा के बाद महाराष्ट्र कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा कि शिवसेना को अड़ियल रुख नहीं अपनाना चाहिए। इससे कांग्रेस को भारी नुकसान होगा। मैं कांग्रेस का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। हमारे शीर्ष नेतृत्व को हस्तक्षेप करना होगा, यदि नहीं तो पार्टी को बचाने के लिए गठबंधन तोड़ दें। शिवसेना के साथ गठबंधन का निर्णय कांग्रेस के लिए आत्मघाती साबित होगा।