शिव भोजन थाली को बंद करने का फैसला हुआ तो एनसीपी इसका कड़ा विरोध करेगी-महेश तपासे
बढ़ती महंगाई के दौर में अगर आपको 1 रुपये में नाश्ता और 10 रुपये में भरपेट भोजन मिल जाए... और हाँ ये दरें शिव भोजन योजना के तहत नहीं हैं... कल्याण में ख्वाहिश फाउंडेशन की मदद से सैकड़ों गरीबों को खाना खिलाने का काम तृतीयपंथी काम कर रहे हैं...कोरोना संकट के दौरान शुरू किए गए शिव भोजन थाली के स्टॉल कई जगहों पर बंद हो गए हैं। लेकिन कल्याण में गरीबों को इस पहल से फायदा हो रहा है। कल्याण में कोरोना काल के दौरान लोगों को भूख और प्यास से व्याकुल देखने के बाद किन्नरों ने कुछ समाज में बदलाव करने का ठाना था। उनके मन में यह था कि भले ही लो लोगों से मांग कर खाते है लेकिन इलाके में कोई गरीब भूखा नहीं रहेगा। उन्होंने कोरोना काल समाप्त होने के बाद इस पहल को शुरू किया है जिसको लोगों का समर्थन मिल रहा है। लेकिन लेकिन सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिल रही है।
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स्पेशल डेस्क, मैक्स महाराष्ट्र, मुंबई: कोरोना के समय में जब रेस्टोरेंट बंद था...लोगों का रोजगार बंद था...दैनिक मजदूरी बंद थी, महाविकास अघाड़ी ने महाराष्ट्र में आम आदमी की भूख मिटाने की दृष्टि से शिव भोजन थाली गतिविधियों को पूरे राज्य में लागू किया था राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता महेश तपासे ने स्पष्ट चेतावनी दी है। राकांपा की ओर से उठी इस आवाज को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तक भी पत्रकारों के जरिए पहुंचाया गया तो उन्होंने मामले का संज्ञान लिया और कहा कि शिव भोजन थाली योजना को बंद नहीं किया गया है। उम्मीद है कि फिर से शिव भोजन थाली योजना शुरू हो जाएगी।
शिव भोजन थाली के माध्यम से लाखों गरीब और आम लोगों को बेहद कम कीमत पर स्वादिष्ट और पौष्टिक थाली दी गई। महेश तपासे ने यह भी बताया कि शिव भोजन थाली की अवधारणा को महाविकास अघाड़ी ने केवल घरेलू कामगारों, फेरीवालों, रिक्शा चालकों जैसे लाखों लोगों के लिए प्रस्तुत किया था। ऐसी खबरें हैं कि महाराष्ट्र में नवगठित ईडी सरकार ठाकरे सरकार की सभी योजनाओं की समीक्षा करने जा रही है और आम लोगों की शिव भोजन थाली को रोकने या कम करने जा रही है। अगर शिंदे सरकार शिव भोज की थाली को रोकती है या कोई कटौती करती है, तो राकांपा कांग्रेस बाहर आकर सड़कों पर विरोध करेगी।
राज्य सरकार ने राज्य में कई जगहों पर शिव भोजन थाली केंद्र शुरू किए हैं। इसे गरीब लोगों का अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। लोगों की प्रतिक्रिया को देखते हुए राज्य सरकार धीरे-धीरे शिव भोजन थाली केंद्रों की संख्या बढ़ा रही थी। शिव भोजन थाली केंद्र चलाने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को प्राथमिकता दी जा रही थी। कई महिला बैच समूह इन केंद्रों को बखूबी चला रही थी लेकिन सरकार की ओर से मिलने वाले सरकारी राशन और सब्सिडी मिलना बंद हो गया ऐसा बताया जा रहा है। जिससे कई जगहों के शिव भोजन थाली सेंटर बंद पड़ गए है।
शिव भोजन थाली योजना – उद्देश्य और महत्व
गरीबों, वंचितों और आदिवासियों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने और उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार के माध्यम से विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाएं शुरू की गई हैं। इन योजनाओं के माध्यम से इन गरीब, वंचित लोगों को न्याय दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। अनाज आपूर्ति योजना, रमाई आवास योजना, निराश्रित पेंशन योजना, किसानों, खेत मजदूरों, असंगठित श्रमिकों के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की गई हैं। तो इन तत्वों को राहत मिल रही है। राज्य के गरीब और मेहनती लोगों को बेहद कम दाम में एक समय का भोजन मिले, इसके लिए राज्य सरकार ने 2020 में शिव भोजन योजना शुरू की है। इस योजना के माध्यम से गरीब और मेहनती लोगों को दस रुपये में भरपेट भोजन मिल रहा है।
शिव भोजन थाली 2021 योजना का विवरण
इस योजना को जमीनी स्तर से भरपूर सहयोग मिल रहा है। साथ ही उन्हें बेहद कम दाम में पूरे खाने की गारंटी भी मिल रही है. कोरोना महामारी के दौरान राज्य सरकार की ओर से नि:शुल्क शिव भोजन थाली का वितरण किया गया। शिव भोजन थाली केंद्र चल रहे थे, जबकि राज्य सख्त तालाबंदी के अधीन था। साथ ही चूंकि यह थाली नि:शुल्क उपलब्ध है, इसलिए गरीब लोगों को भूख से मरने से रोका जाता है। शिव भोजन की मुफ्त थाली से प्रदेश में कोई भूखा नहीं रहा। राज्य सरकार ने इसे समय-समय पर बढ़ाया गया था। लेकिन आज के दौर में शिव भोजन थाली केंद्र बंद पड़े हुए दिखाई दे रहे है। उम्मीद है आज 6 कारों ने इसको लेकर मुख्यमंत्री से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि शिव छाली योजना को सरकार ने बंद नहीं किया है।