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सीएम योगी के 'एक जिला, एक मेडिकल कॉलेज' कार्यक्रम पर केंद्र सरकार ने वायबिलिटी गैप फंडिंग स्कीम के तहत दी सैद्धांतिक सहमति

पीपीपी मोड पर महोबा, मैनपुरी, बागपत, हमीरपुर, हाथरस और कासगंज में मेडिकल कॉलेज खोलने की प्रक्रिया शुरू, जल्द चयनित होंगे निवेशक। सब्सिडी का पूरा खर्च उठाएगी केंद्र सरकार, प्रदेश सरकार जिला अस्पताल और भूमि 33 साल की लीज पर देगी। महराजगंज और संभल में जल्द शुरू होगा मेडिकल कॉलेज, शामली और मऊ में मेडिकल कॉलेज प्रक्रियाधीन

सीएम योगी के एक जिला, एक मेडिकल कॉलेज कार्यक्रम पर केंद्र सरकार ने वायबिलिटी गैप फंडिंग स्कीम के तहत दी सैद्धांतिक सहमति
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स्पेशल डेस्क, मैक्स महाराष्ट्र, लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'एक जिला, एक मेडिकल कॉलेज' कार्यक्रम पर केंद्र सरकार ने वायबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) स्कीम के तहत छह जिलों में और मेडिकल कॉलेज खोलने की सैद्धांतिक सहमति दी है। इसके बाद पीपीपी मोड पर महोबा, मैनपुरी, बागपत, हमीरपुर, हाथरस और कासगंज में मेडिकल कॉलेज खोलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और जल्द टेंडर के माध्यम से निवेशकों को चयनित किया जाएगा।

प्रदेश में 16 जिलों में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने की प्रक्रिया चल रही है। केंद्र सरकार के आर्थिक कार्य मंत्रालय ने वीजीएफ स्कीम के तहत हाल ही में पीपीपी मोड पर छह जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने की अनुमति दी है। इन्हें खोलने में करीब 1525 करोड़ रुपए खर्च आएगा और केंद्र सरकार सब्सिडी का करीब 1012 करोड़ रुपए भार उठाएगी। एक कॉलेज को औसतन 160 करोड़ रुपए की सब्सिडी मिलेगी। महराजगंज और शामली में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए निवेशकर्ता का चयन कर कार्य शुरू हो गया है। अगले साल तक महराजगंज में उपचार भी शुरू होने की संभावना है। इसके अलावा शामली और मऊ में मेडिकल कॉलेज प्रक्रियाधीन है।

चिकित्सा शिक्षा के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने बताया कि सीएम योगी के आम लोगों को बेहतर और सुलभ चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में यह बड़ा कदम है। केंद्र सरकार के प्रस्ताव स्वीकृत करने से राज्य सरकार के धन की बचत होगी। राज्य सरकार जिला अस्पताल और भूमि 33 साल की लीज पर देगी। इसके बाद निवेशकर्ता मेडिकल कॉलेज वापस कर देगा। वह राज्य सरकार की संपत्ति होगी। साथ ही स्टांप ड्यूटी में छूट और उपकरण सब्सिडी आदि देगी।

अगले साल तक 14 और जिलों में मिलेगी मेडिकल कॉलेज की सौगात

सीएम योगी ने पिछले साढ़े पांच वर्षों में प्रदेश के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव लाया है। सिर्फ मेडिकल क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप नहीं हो रहा, बल्कि नए डॉक्टर भी तैयार हो रहे हैं और बेडों की संख्या भी बढ़ रही है। प्रदेश में फिलहाल, सरकारी और निजी 65 मेडिकल कॉलेज हैं। इसके अलावा केंद्रीय संस्थानों में रायबरेली और गोरखपुर में दो एम्स, एक बीएचयू और एक अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज है। पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले साल नौ जिलों देवरिया, एटा, फतेहपुर, गाजीपुर, हरदोई, जौनपुर, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, सिद्धार्थनगर में मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण किया था। प्रदेश के अमेठी, औरैया, बिजनौर, बुलंदशहर, चंदौली, गोंडा, कानपुर देहात, कौशाम्बी, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, पीलीभीत, सोनभद्र और सुल्तानपुर जिले में 2022-23 तक मेडिकल कॉलेजों की सौगात मिलने वाली है। इनका निर्माण कार्य चल रहा है।

Updated : 22 Sep 2022 1:39 PM GMT
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