health care में चल रहा है घोटाला?
X
जन आरोग्य अभियान के सदस्यों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार को 100 में से 23 अंक दिए, और कहा कि सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में "मार खा रही है"
हाल ही में जन आरोग्य अभियान के सदस्यों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें उन्होंने सरकार के स्वास्थ्य क्षेत्र के कामकाज पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने सरकार को 100 में से सिर्फ 23 अंक दिए और इसे स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का कारण बताया।
अभियान के सदस्य कहते हैं कि सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार करने में पूरी तरह से असफल रही है, और इसके परिणामस्वरूप गरीब और वंचित वर्ग को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है। उनका कहना था कि सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम नहीं उठाए हैं और न ही पर्याप्त संसाधनों का आवंटन किया है। इसके अलावा, बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएं जैसे अस्पतालों में सुविधाओं का अभाव, डॉक्टरों की कमी, और चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता में गिरावट जैसे मुद्दे गंभीर हो गए हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का ध्यान अन्य क्षेत्रों पर ज्यादा है, जबकि स्वास्थ्य जैसे अहम मुद्दे पर सही ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इन समस्याओं का सीधा असर आम लोगों की जिंदगी पर पड़ रहा है, जो उचित स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित हो रहे हैं।
जन आरोग्य अभियान ने सरकार से स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार की मांग की है, ताकि आम नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें और स्वास्थ्य सुविधाएं हर व्यक्ति तक सुलभ हो सकें।