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संसद परिसर में रात भर धरने पर बैठे रहे निलंबित सांसदों के लिए सुबह-सुबह चाय लेकर पहुंचे उपसभापति

संसद परिसर में रात भर धरने पर बैठे रहे निलंबित सांसदों के लिए सुबह-सुबह चाय लेकर पहुंचे उपसभापति
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नई दिल्ली : केंद्र सरकार के कृषि विधेयक को लेकर राज्यसभा में हुए हंगामे के बाद 8 सांसदों को निलंबित किया गया। इन सभी आठ सांसदों को सभा के अंदर उनके गलत व्यवहार के चलते निलंबित किया गया है। विधेयक का विरोध करते हुए सांसद उपसभापति हरिवंश के चेयर तक पहुंच गए थे। इतना ही नहीं सांसदों को ओर से आक्रोश में आकर उनका माइक तक तोड़ने की कोशिश की गई।

राज्यसभा के सभापति वैंकेया नायडू ने बचे हुए पूरे मानसून सत्र के लिए इन आठ सांसदों को निलंबित कर दिया। जिसके बाद से यह सभी सांसद भवन के बाहर धरना दे रहे हैं। सभी सांसद रात भर बैठकर धरना दिया। इसके बाद आज(22 सितंबर) सुबह-सुबह हरिवंश संसद भवन परिसर में धरना दे रहे निलंबित सांसदों के लिए नाश्ते में चाय लेकर पहुंचे। इससे पहले जब सांसदों का प्रदर्शन कल सदन के में नहीं थमा तो राज्यसभा को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया।

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इसके बाद सभी निलंबित सांसद संसद भवन परिसर के अंदर गांधी मूर्ति के समीप धरना पर बैठे हुए हैं। राज्यसभा में आज भी गतिरोध जारी रहने की संभावना है। गौरतलब है कि आठ विपक्षी सांसदों को सोमवार को शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था। निलंबित सदस्यों ने सदन से बाहर जाने से इनकार कर दिया और कृषि विधेयक का लगातार विरोध जताते रहे। इस कारण सदन का कामकाज बार-बार बाधित हुआ। निलंबित सांसदों में कांग्रेस के राजीव सातव, सैयद नजीर हुसैन और रिपुन बोरा, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन, माकपा के इलामारम करीम, केके रागेश और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह शामिल हैं।

निलंबन के विरोध में कांग्रेस, माकपा, शिवसेना, जनता दल (एस), तृणमूल कांग्रेस, भाकपा और सपा के सांसद संसद भवन परिसर में धरने पर बैठे हुए है। इस दौरान उन्होंने ‘लोकतंत्र की हत्या’ और ‘संसद की मौत’ जैसे नारों के साथ लिखी तख्तियां भी साथ रखी। मामले पर माकपा नेता करीम ने कहा कि निलंबन से आवाज दबाई नहीं जा सकती। हम किसानों के साथ उनकी लड़ाई में साथ रहेंगे। संजय सिंह ने कहा, किसानों जाग जाओ और इस काले कानून का विरोध करो।

Updated : 22 Sep 2020 6:27 AM GMT
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