ग्राउंड रिपोर्ट : मुंबई-गोवा हाईवे चला गया गड्ढे में ...
क्या एक मापने वाला टेप गड्ढों को मापने में टेप भी कम पड जाए, क्या इतना बड़ा गड्ढा हो सकता है कि एक बड़ी बस फंस जाए? अगर आप इन सभी सवालों के जवाब चाहते हैं तो जरूर पढ़े हमारे प्रतिनिधि धम्मशील सावंत की यह रिपोर्ट...
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धम्मशील सावंत, मैक्स महाराष्ट्र, रायगढ़: एक आम वाहन चालक ने पूछा है कि टैक्स देकर अच्छी सड़कें नहीं मिलेगी तो फिर टैक्स क्यों देना। मुंबई गोवा नेशनल हाईवे के पलास्पे से इंदापुर तक 84 किलोमीटर लंबी सड़क को चार लाइन बनाने का काम धीमी गति से चल रहा है। पिछले 13 साल से फोर लेन हाईवे का काम घसीटा जा रहा है, ऐसे में रूट के दूर होने से यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है। सड़कों को लेकर सरकार, परिवहन मंत्रालय द्वारा बडे बडे दावे किए जाते है लेकिन बरसात में इनकी हालत देखकर भी कोई कुछ नहीं कहता। यह कहानी मुंबई-गोवा हाईवे की है ऐसी ही स्थिति राज्य के कई हाईवे जूझ रहे लोग गड्ढों को भरने की मांग कर रहे है।
इस हाईवे पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं, जिन्हें टेप से नापा नहीं जा सकता। साथ ही कीचड़ के कारण वाहन चालकों की जान भी चली गई है। जगह-जगह तालाब हैं, सड़क पर गड्ढे हैं, यह एक ऐसा दृश्य है जो किसी को भी हैरान कर देता है कि क्या यह झील है। गर्भवती महिलाएं व मरीज समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाते हैं, जिससे उनकी जान को खतरा है।
यात्रियों ने रोष व्यक्त किया है कि पहाड़ी घाटी में फुटपाथ मुंबई गोवा हाईवे से बेहतर है। जनता की ओर से सरकार से सवाल पूछा जा रहा है कि अब भी कितने बेगुनाह लोगों के मरने का इंतजार है। मुंबई-गोवा हाईवे का फोर लेन का काम एक साल से ज्यादा समय से चल रहा है. उबड़-खाबड़ सड़कें, सूचना बोर्ड का अभाव, बारिश में गड्ढे और गर्मी में धूल-धूसर होना और वाहन चालकों के लिए असमंजस की वजह हैं। गणेशोत्सव के दौरान मुंबई-गोवा हाईवे पर गड्ढों को भरने के आदेश के चलते अस्थाई पलस्तर किया गया, लेकिन सड़क की हालत 'जैसी' की 'तैसी' हो गई है।
इस संबंध में सड़क का निर्माण कर रहे सुप्रीमो इंफ्रास्ट्रक्चर के इंजीनियर मधुकर आडे ने कहा, ''मुंबई-गोवा हाईवे पर बारिश के कारण बने गड्ढों को तत्काल भरा जा रहा है। गड्ढों को भरने का काम गणेशोत्सव के दौरान शुरू किया गया था और काम हो रहा है, लेकिन बारिश के कारण गड्ढों को भरने में दिक्कत हो रही है। बड़े-बड़े गड्ढों में भी पेवर ब्लॉक बिछाने का काम चल रहा है, हाईवे और अंदरूनी सड़कों पर गड्ढों को भरने का काम जारी है। जैसे ही बारिश रुकेगी, सड़कों पर डामरीकरण किया जाएगा।"