अपने ही प्याज की पैदावार से किसान क्यों रो रहे प्याज आंसू....
प्याज महंगा तो आंसू, प्याज सस्ता तो आंसू, प्याज की पैदावार करने वाले किसान क्यों रो रहे प्याज आंसू, औरंगाबाद प्याज का आयात बढ़ने से प्याज उत्पादक किसान खुशी नहीं दुखी और परेशान, आ गई है जबरदस्त कीमत में गिरावट, मंडी में भी उनकी प्याज की कीमत नहीं मिल रहा है सही दाम।
X
औरंगाबाद: लासूर स्टेशन पर कृषि उपज मंडी समिति स्वर्गीय हरकचंद सोहनराज छाजेड़ प्याज मंडी प्रांगण में सुबह चार बजे से किसान प्याज लाया ही जाता है। लेकिन आज किसानों के ट्रक टेंपों में रखे गाड़ियों की भारी कतार देखी गई। किसानों ने कहा कि यह खतरे की कतार है हमारे ऊपर संकट की कतार है इतनी मेहनत करके हम फसलों को पैदा करते है लेकिन उन्हें सही मूल्य नहीं मिलत। किसानों को औने पौने दामों पर अपनी फसल बेचनी पड़ रही है। प्याज लेकर मंडी में आए किसानों का कहना है कि यह सुबह से कतारें लगीं है और जिस तरह से हमसे उपज खरीद रहे हैं उसके लिए कीमत उपयुक्त नहीं है। कीमत छह सौ से एक हजार ग्यारह सौ रुपये देकर हमसे मोलभाव किया जा रहा है। कम से कम दो हजार रुपये की आवश्यकता है लेकिन कीमत इस जगह पर समान नहीं मिल रही है।
किसानों ने कहा है कि प्याज के भंडारण से आधा प्याज खराब हो जाता है, इसलिए किसानों को भी नुकसान हो रहा है। प्याज की कीमत कहीं 2000 से 2500 के बीच है। यहां आने वाले किसान बहुत नाराज हैं, राज्य में भारी बरसात से घरों गोदामों में पानी भर रहा है अगर प्याज भींग जाती है तो जल्द ही खराब हो जाती है। महाराष्ट्र आज जलमग्न है ऐसे में प्याज उत्पादन करने वाले किसानों का कहना है कि उनको जो कीमत मिलनी चाहिए वो सरकार की ओर से नहीं मिल रही हमसे खरीदकर फसलों को फिर बढ़ाकर लोगों को बेचा जाता है हमको जो फसल की असल कीमत है वो भी उत्पादन के बाद नहीं मिल पा रही है। हमको हजार रुपये देकर जैसे तैसे देकर खरीदा जा रहा है। किसानों के पास रखी प्याज भारी मात्रा में मंडी तक आया है गाड़ियों का वजन कर किसानों से खरीदा जा रहा है। सुबह से खड़े किसानों को शाम के 7 से 8 बज जा रहे है अपनी गाड़ियों का वजन कराकर प्याज मंडी को देने में। किसानों को जो दाम 2000 हजार से 2500 का मिलता लेकिन बारिश ने उनके भंडारण पर पानी फेर दिया है।
मुंबई सहित अन्य फुटकर मार्केट में प्याज की कीमत 30 रुपये के आसपास है किसानों से महज 10 से 12 रुपये में खरीदा जा रहा है। मंडी से प्याज आते आते तीन गुना महंगा हो जाता है। प्याज रोजाना लोगों के किचन में इस्तेमाल होने वाली औषधि है बिना इसके हर खाना बीमार रहता है ऐसा माना जाता है। उनकी मेहनत से पैदावार करने वाले किसान इस बार बरसात से परेशान होकर अपनी प्याज को मंडी की तय रेट से बेच रहे है लेकिन जिसके पास सुविधा है वो इसका स्टोर करके फिर कुछ समय के बाद उसको अपनी कीमतों में बेचेगे।