Onam 2023 : क्या मान्यता है इस पर्व की ?
ओणम का पर्व कृषि से भी जुड़ा हुआ है , लोग कहते है फसल पकने की खुशी मे लोग इस दिन को धुमधाम से मनाते है और साथ ही आनेवाली कृषि उपज की खेती मे वृद्धि के लिए कामना करते है | य़ह पर्व सांस्कृतिक और सामाजिक एकता को भी दर्शाता है |
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ओणम के दिन से मलयालम नववर्ष की शुरुआत होती है | पंचाग के अनुसार देखा जाए तो, यह पर्व 29 अगस्त 2023 यानि आज के दिन मनाया जाएगा | थिरुवोणम् नक्षत्र के अनुसार इसकी शुरुआत प्रात: 02 बजकर 43 मिनट पर होगी और इस नक्षत्र का समापन उसी दिन रात 11 बजकर 50 मिनट पर होगा |
कैसी हुई थी इस पर्व की शुरुआत ?
पौराणिक मान्यताओ के अनुसार ओणम का संबंध राजा महाबलि से है | जब असुर के राजा महाबलि ने देवलोक मे अपना राज स्थापित कर लिया था | लेकिन एक ब्राह्मण की इच्छा पुरी करने के लिए उन्हें पाताल लोक मे जाना पड़ा | ये ब्राह्मण कोई और नही बल्कि भगवान विष्णु थे | जिन्होंने वामन अवतार लेकर राजा महाबलि से तीन पग भूमि मांग ली थी | दो पग मे उन्होने आकाश और धरती नाप ली थी | जब कोई जगह नही बची तो तीसरी पग के लिए महाबलि ने अपना सिर आगे कर दिया | राजा महाबलि की उदारता देखकर भगवान विष्णु ने उन्हे पाताल भेजकर उन्हे पाताललोक का राजा बना दिया | भगवान श्री हरी महाबलि से बहुत प्रसन्न हुए और उन्हे वरदान दिया, कि साल मे एक बार तुम अपनी प्रजा से मिलने जा सकते है | जिसके बाद राजा महाबलि हर वर्ष सावन महीने के श्रावण नक्षत्र मे अपनी प्रजा की सुध लेने धरती पर आते है |
ओणम के इस पर्व मे लोग रंगोली बनाकर राजा महाबलि का स्वागत करते है | एक - दूसरे को पर्व की बधाईया देते है और पकवानो को थालियों से सजाते है | कई लोग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी करते है | आपको, बता दे कि ओणम का पर्व कृषि से भी जुड़ा हुआ है, लोग कहते है फसल पकने की खुशी मे लोग इस दिन को धुमधाम से मनाते है और साथ ही आनेवाली कृषि उपज की खेती मे वृद्धि के लिए कामना करते है | य़ह पर्व सांस्कृतिक और सामाजिक एकता को भी दर्शाता है |