हाथरस गैंगरेप पर यूपी में सियासी भूचाल राहुल, अखिलेश, प्रियंका भड़के, मायावती बोलीं, योगी को मठ भेजो
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राहुल-प्रियंका का काफिला ग्रेटर नोएडा में रोका, हाथरस के लिए पैदल निकले
लखनऊ। हाथरस गैंगरेप मामले पर सियासत तेज हो गई है। बलरामपुर में भी एक दलित युवती के साथ रेप के बाद उसकी निर्ममता से हत्या कर दी गई। हाथरस का मुद्दा लगातार गरमाता जा रहा है। गुरुवार को यूपी के विपक्षी नेताओं ने योगी सरकार पर जमकर हमला बोला।
राम मंदिर निर्माण में लगाएं योगी को
मायावती ने कहा, 'योगी आदित्यनाथ इस लायक नहीं हैं कि उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था संभाल पाएं। वह महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकते तो योगी आदित्यनाथ को इस्तीफा दे देना चाहिए। मैं केंद्र सरकार से आग्रह करती हूं कि उन्हें उनके स्थान गोरखनाथ मठ भेज दिया जाए। अगर उन्हें मंदिर पसंद नहीं है, तो उन्हें राम मंदिर निर्माण का काम सौंपा जाना चाहिए। राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए।'
कुशासन का असली रंग जनता देख रही
अखिलेश यादव ने कहा, 'हाथरस की मृतका के परिजनों को शासन के मूक आदेश पर प्रशासन ने दौड़ा-दौड़ाकर मारा है। अब जनता भी ऐसे ही इन सत्ताधारियों को दौड़ा-दौड़ाकर इंसाफ़ की चौखट तक खींच के ले जाएगी। भाजपा के कुशासन का असली रंग जनता देख रही है। कपटियों का लबादा उतरते अब देर नहीं लगेगी।'
https://www.youtube.com/watch?v=KoewlEgboGA&feature=youtu.be
यूपी के जंगलराज में बेटियों पर ज़ुल्म
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा का नारा ‘बेटी बचाओ’ नहीं, ‘तथ्य छुपाओ, सत्ता बचाओ’ है। 'यूपी के जंगलराज में बेटियों पर ज़ुल्म और सरकार की सीनाज़ोरी जारी है। कभी जीते-जी सम्मान नहीं दिया और अंतिम संस्कार की गरिमा भी छीन ली। भाजपा का नारा बेटी बचाओ नहीं, तथ्य छुपाओ, सत्ता बचाओ है।'
'मार्केटिंग से नहीं चलती कानून व्यवस्था'
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, यूपी में फैले जंगलराज की हद नहीं। मार्केटिंग, भाषणों से कानून व्यवस्था नहीं चलती। ये मुख्यमंत्री की जवाबदेही का वक्त है। जनता को जवाब चाहिए।'
क्या क़ानून है या मर गया?
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, 'यूपी में एक और दलित बेटी के साथ गैंग रेप ! सोच कर भी रूह कांपती है। अनाचार, वहशियों ने दोनों पांव और कमर तोड़ डाली ! क्या क़ानून है या मर गया? क्या सविंधान की सरकार है या अपराधियों की? क्यों इस्तीफ़ा नहीं देते आदित्यनाथ?'
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