ओबीसी ने राजनीतिक आरक्षण के साथ चुनाव का मार्ग प्रशस्त किया
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मुंबई: सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी के लिए राजनीतिक आरक्षण के साथ राज्य में स्थानीय निकायों के चुनाव कराने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में कोर्ट ने चुनाव आयोग को 2 हफ्ते में चुनाव कराने का आदेश देते हुए कहा है कि चुनाव में देरी नहीं की जा सकती। ओबीसी आरक्षण को लेकर महा विकास अघाड़ी सरकार द्वारा नियुक्त बांठिया आयोग की रिपोर्ट को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. इससे ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत राजनीतिक आरक्षण के साथ चुनाव कराने का मार्ग प्रशस्त किया है। यह फैसला एक तरह से शिंदे-फडणवीस सरकार के लिए राहत भरा रहा है। इस सुनवाई के दौरान कोर्ट ने चुनाव स्थगित करने की मांग को खारिज कर दिया. कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जताई कि वार्ड संरचना और बारिश के आधार पर चुनाव पिछले दो साल से टाले जा रहे हैं। साथ ही यह सुनवाई ओबीसी आरक्षण पर ही होगी, वार्ड पुनर्गठन का मुद्दा चुनाव आयोग के पास है, उस पर आयोग फैसला करेगा, कोर्ट ने स्पष्ट किया हैइस बीच उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट कर इस फैसले का स्वागत किया है।
आमचे सरकार आले तर 4महिन्यात ओबीसी आरक्षण देऊ शकतो,असे मी पूर्वी सांगितले होते. तेव्हा काही लोकांनी ट्रोल केले, काही नेत्यांनी टीका केली. पण,आज मुख्यमंत्री एकनाथराव शिंदे यांच्या नेतृत्त्वातील आमच्या सरकारने कृतीने त्या टीकेला उत्तर दिले आहे.#OBC #BJP #OBCreservation #Maharashtra pic.twitter.com/sp02YqhLAk
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) July 20, 2022
"हमारी महागठबंधन सरकार ने ओबीसी राजनीतिक आरक्षण के अपने वादे को निभाया! माननीय। सुप्रीम कोर्ट द्वारा ओबीसी राजनीतिक आरक्षण को मान्यता देना पूरे ओबीसी समुदाय की जीत है। ओबीसी कल्याण, बहुजन कल्याण, गरीब कल्याण हमारा एजेंडा था, है और रहेगा। ओबीसी राजनीतिक आरक्षण प्राप्त करने की प्रक्रिया में शामिल सभी लोगों को दिल से धन्यवाद" किया।
महाराष्ट्र राज्यात ओबीसींना 27 % आरक्षण देण्यात यावे हा सर्वोच्च न्यायालयाचा निकाल राज्य सरकारने अंमलात आणावा हीच आमची अपेक्षा आहे.#Obc pic.twitter.com/YiNlQzO1Kf
— Nana Patole (@NANA_PATOLE) July 20, 2022
सर्वोच्च न्यायालयानं बांठिया आयोगाचा अहवाल मान्य करुन त्यानुसार स्थानिक स्वराज संस्थांच्या निवडणुका तत्काळ घेण्याचा दिलेला आदेश हा राज्यातील ओबीसी बांधवांच्या हक्कांचा आणि महाविकास आघाडी सरकारनं ओबीसींच्या हक्कांसाठी केलेल्या प्रामाणिक प्रयत्नांचा विजय आहे.
— Ajit Pawar (@AjitPawarSpeaks) July 20, 2022