Home > न्यूज़ > मुंबई में समस्त महाजन द्वारा अब अस्वस्थ –जख्मी मूक जीवो को मिलेगी तुरंत चिकित्सा सेवा, गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी जी ने ११ एम्बुलेंस को दिखाई ग्रीन झंडी

मुंबई में समस्त महाजन द्वारा अब अस्वस्थ –जख्मी मूक जीवो को मिलेगी तुरंत चिकित्सा सेवा, गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी जी ने ११ एम्बुलेंस को दिखाई ग्रीन झंडी

मुंबई में समस्त महाजन द्वारा अब अस्वस्थ –जख्मी मूक जीवो को मिलेगी तुरंत चिकित्सा सेवा, गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी जी ने ११ एम्बुलेंस को दिखाई ग्रीन झंडी
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स्पेशल डेस्क, मैक्स महाराष्ट्र, मुंबई:​ ​समस्त महाजन ने इस साल फरवरी में पहली बार मुंबई में 'एनिमल हॉस्पिटल ओन व्हील्स' की अनोखी सुविधा से बीमार घायल मूक जीवो को चिकित्सा सेवा देने के मामले में अद्भुत उदाहरण पेश किया. अब ये सेवा और भी असरकारक रूप में ग्यारह नई एम्बुलेंस के साथ पुरे शहर में चौबीस घंटे मिलने वाली है​। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के शुभ हाथो से ११ नई एम्बुलेंस को ग्रीन झंडी दिखाई गयी​। उनका लोकार्पण भगत सिंह कोश्यारी के शुभ हाथों से उनके आधिकारिक निवास स्थान राजभवन पर आज सुबह दस बजे हुआ​।​

राष्ट्रसंत पूज्य नम्रमुनि महाराज साहेब की कृपा- प्रेरणा से कार्यान्वित हो रही इस असाधारण सेवा के अवसर पर गवर्नर ​भगत सिंह कोश्यारी के अलावा केन्द्रीय पशुपालन मंत्री पुरषोतम रुपाला, महाराष्ट्र के कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा, य मंत्री एनिमल हजबेंड्री राधाकृष्ण विखे पाटिल भी शामिल हुए ! भगत सिंह कोश्यारी जी ने कहा '' युग प्रधान आचार्य सम पन्यास चन्द्रशेखर विजयजी प्रेरित समस्त महाजन और राष्ट्रसंत पूज्य श्री नम्रमुनि महाराज साहेब की अनुग्रह-करुणा से और आप सब के सहयोग से ये जो जीवो के उपकार का श्रेष्ठ कार्य हुआ हैं क्योंकि सेवा का एक महत्व ही अलग है , मैं कहना चाहूंगा की चाहे वह किसी भी धर्म से हो, जीव दया और सेवा का महत्व एक अलग ही होता है आजादी से पहले महात्मा गांधी ने आजादी के लिए आंदोलन किए और उनका मंत्र था की वैष्णव जन तो तेने कहिये जे पीर पराई जाने रे​।

इस मन्त्र को लेकर वह आगे बढे तो देश आज़ाद हुआ और ऐसा नहीं की हमसे जिव हत्या नहीं होती, हमें पता ही नहीं रहता हम बोलते है तब भी कई छोटे छोटे जिव मर जाते हैं इसलिए तो जैन मुनि बहुत सालों पहले से मास्क लगाते आये, बाकी लोगों को तो अभी कोरोना ने मास्क पहनना सिखाया।​ ​एक बार ऋषि तपस्या कर रहे ठये एक एक लड़खड़ाता हुआ कबूतर उनकी गोद में आ बैठा पीछे शिकारी था बोलै ये मेरा भोजन है ऋषि बोलै में इसको नहीं मरने दूंगा , शिकारी बोलै ठिक है इसका जितना वजन है उतना तुम्हारे शरीर का मांस दे दो, महात्मा ने अपने शरीर के हिस्से को काट कर माप किया तो कबूतर का वजन बढ़ता ही गया महात्मा भी अपना मांस देने लगे इतने में शिकारी के रूप भगवन प्रकट हुए तो सेवा और जिव दया का महत्त्व है, ऐसे कई उदहारण है अपने देश में , तो में समस्त महाजन और टृष्टि परेश शाह और गिरीश भाई शाह और आप सबकी सेवा से प्रसन्न होकर आपको प्रणाम करता हूँ''​।




गिरीश भाई कहते है, "कुदरत की व्यवस्था में मानव, मूक जीव और वनस्पति सभी का विशेष महत्व है. हमारी संस्कृति और शास्त्रों ने ये तथ्य विज्ञान से पहले ही सिद्ध किया है. समस्त महाजन के उपक्रम से हमें जब और जहां एक या दूसरे रूप से इनमे से किसी को भी सहाय रूप होने का सौभाग्य प्राप्त हो उसे मैं परमात्मा की कृपा और मेरे मानव जीवन की सार्थकता मानता हूँ​।​ ""अब एम्बुलेंस की संख्या ग्यारह होने से मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन के किसी भी कोने में मूक जीवों के लिए उपचार तात्कालिक उपलब्ध हो सकेगा. इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए हम मुंबई को ग्यारह विभाग में बांटकर हर विभाग में एक एक अम्ब्युलन्स तैनात करेंगे. इस वजह पशुओं का तुरंत इलाज हो पायेगा​।​"

Updated : 1 Oct 2022 2:54 PM IST
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