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मेदांता अस्पताल लखनऊ में नवजात को हृदय की जटिल सर्जरी कर दिया​ गया​ जीवनदान

The newborn was suffering from a complicated problem of clogging of the arteries (PDA) that supply oxygen to the heart and lungs.

मेदांता अस्पताल लखनऊ में नवजात को हृदय की जटिल सर्जरी कर दिया​ गया​ जीवनदान
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स्पेशल डेस्क, मैक्स महाराष्ट्र, लखनऊ: मेदांता अस्पताल लखनऊ लगातार जटिल चिकित्सकीय समस्याओं के लिए उच्च मानक स्थापित कर रहा है। अस्पताल में हाल ही में 9 दिन की एक नवजात बच्ची का इलाज किया गया जो कि डक्ट डिपेंडेंट पल्मोनरी सर्कुलेशन के साथ कॉम्प्लेक्स सायानोटिक जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित थी। बच्ची ठीक तरह से सांस नहीं ले पा रही थी जिसकी वजह से उसका पूरा शरीर नीला पड़ रहा था। नवजात हृदय व फेफड़ों को ऑक्सीजन सर्कुलेशन करने वाली धमनी (पीडीए) बंद होने की जटिल समस्या से ग्रसित थी, अगर जल्द ही सर्जरी नहीं की जाती तो उसकी जान को भी खतरा था। मेदांता अस्पताल के कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी के निदेशक डॉ गौरांग मजूमदार, सीनियर कंसल्टेंट और नियोनेटोलॉजी के अध्यक्ष डॉ आकाश पंडिता और कंसल्टेंट पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी डॉ. रोली श्रीवास्तव सहित विशेषज्ञों की टीम ने इस जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक किया।


डॉ. गौरंगा मजूमदार ने बताया, "बच्ची जन्म के 5वें दिन हमारे पास सायनोसिस से ग्रसित समस्या के साथ आई थी उसका पूरा शरीर नीला पड़ गया था। जांच के दौरान यह पाया गया कि बच्ची पीडीए (पेटेंट डक्टस डीडिपेंडेंट आर्टीओसिस) और (डीओआरवी वीएसडी पीए) के साथ पल्मोनरी आर्टीसिया से पीड़ित थी जो कि गंभीर हृदय रोग का संकेत था। इसे देखते हुए तत्काल सर्जरी की योजना बनाई गई, क्योंकि पीडीए बंद हो रहा था व बच्ची का ऑक्सीजन कंसंट्रेशन 50% से कम हो रहा था। भर्ती के समय नवजात का वजन लगभग 2 किलोग्राम था। उसकी तुरंत शंट सर्जरी की गई, जो एक लाइफ सेविंग सर्जरी है, उन्होंने बताया कि सर्जरी सफल रही और भर्ती के 10 दिनों के भीतर नवजात को डिस्चार्ज भी कर दिया।"

डॉ आकाश पंडिता ने कहा, "सर्जरी की प्रक्रिया के बाद बच्ची को मैकेनिकल वेंटिलेटर पर एनआईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। सेंट्रल शंट पेटेंट रखने के लिए हेपरिन इन्फ्यूजन शुरू किया गया और एसीटी द्वारा नियमित निगरानी की गई थी। धीरे-धीरे हेपरिन को पतला कर दिया गया था और ओरल एस्पिरिन में ट्रांसफर कर दिया गया था। बच्चे को एनआईसीयू में इंटेक्स केयर के लिए भर्ती कराया गया और जिसके बाद नवजात तेजी से रिकवर करने लगा। नियोनेटल कार्डियक सर्जरी एक जटिल सर्जरी हैं और इसके लिए लेवल 3बी एनआईसीयू केयर, पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी सपोर्ट और सीवीटीएस की आवश्यकता होती है। हम नवजात का सफलतापूर्वक इलाज इसलिए कर सके, क्योंकि मेदांता लखनऊ में सभी सुविधाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध हैं।

क्या होता है पीडीए डॉ रोली श्रीवास्तव ने कहा, "नवजात शिशुओं में हार्ट की कुछ जटिल समस्याएं होती हैं, जिसमें फेफड़ों में ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाली धमनियां नहीं बनती हैं, इसलिए बच्चे को जन्म के तुरंत बाद ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। ये एक छोटी धमनी होती है जिसे पीडीए कहते हैं। यह जन्म के पहले कुछ दिनों में फेफड़ों में रक्त प्रवाह की आपूर्ति करता है। यह पीडीए जटिल हृदय रोगों वाले शिशुओं में जन्म के तुरंत बाद बंद हो जाता है। इस प्रकार के मामलों में हमें फेफड़ों के प्रवाह को चालू रखने के लिए प्रणाली और पल्मोनरी सर्कुलेशन के बीच एक शंट बनाना होता है।"

Updated : 16 Sept 2022 7:48 PM IST
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