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नामदेव जाधव ने दावा किया जिजाऊ के वंशज का , रोहित पवार जांच की मांग की

नामदेव जाधव ने दावा किया  जिजाऊ के वंशज का , रोहित पवार जांच की मांग की
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Namdev Jadhav claimed to be a descendant of Jijau, Rohit Pawar demanded investigation

नामदेव जाधव (Namdev Jadhav) ने अपने फेसबुक पेज और ट्विटर पर यह दावा करते हुए कहा है, कि वह जिजाऊ के वंशज हैं। आपको , बता दे कि इसके कुछ दिन पहले उन्होंने मराठा आरक्षण (maratha reservation) मुद्दे पर शरद पवार की आलोचना भी की थी | अब राजे लाखोजीराव जाधव (Lakhojirao Jadhav) के वंशज गोपाल भगवान जाधव (Gopal Bhagwan Jadhav) ने इस मामले में विधायक रोहित पवार को पत्र लिखा है | इस पत्र गोपाल भगवान जाधव (Gopal Bhagwan Jadhav) ने लिखा , कि मैं आपसे निवेदन करता हूं कि वर्तमान में नामदेव जाधव (Namdev Jadhav) नाम का एक व्यक्ति जिजाऊ का वंशज होने का दावा करते हुए सोशल मीडिया और अन्य मीडिया पर प्रसारित हो रहा है और वह (नामदेव जाधव) खुद को जिजाऊ का वंशज बताता है। लेकिन वह इस परिवार के वंशज नहीं हैं और उनका लाखोजी महाराज जाधव से कोई संबंध नहीं है | वह (नामदेव जाधव) जाधव नाम का व्यक्ति है | उनके और लाखोजीराजे जाधव (Lakhojirao Jadhav) परिवार के बीच किसी रिश्ते, पारिवारिक रिश्ते और वंशावली का कोई जिक्र नहीं है। लाखोजी राजे (lakhoji raje) और सिंदखेड राजा (sindkhed king) परिवार के हम सभी वंशज आपसे अनुरोध करते हैं, कि आप उनकी (नामदेव जाधव) की कानूनी जांच करें और उनके द्वारा की गई धोखाधड़ी को सामने लाएं और उन पर धोखाधड़ी और मानहानि का आरोप लगाएं। जिसके कारण मूल राजा लाखोजीराव जाधव (Lakhojirao Jadhav) और उनके वंशज बदनाम हैं। इस पत्र में राजे गोपाल भगवान राव जाधव (Raje Gopal Bhagwan Rao Jadhav) के साथ-साथ अन्य वंशजों ने भी हस्ताक्षर किए हैं।

अब जानते है नामदेव जाधव ने शरद पवार पर क्या आरोप लगाया था ?

नामदेव जाधव (Namdev Jadhav) ने मराठा आरक्षण (maratha reservation) को लेकर शरद पवार (Sharad Pawar) पर इस बात का आरोप लगाया है, कि उन्होंने कहा , ''शरद पवार ने तेली और माली जाति को ओबीसी (OBC)

में शामिल किया | हमें उससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता, लेकिन फिर उनका शैक्षणिक (Educational) , आर्थिक (economic) और सामाजिक पिछड़ापन (social backwardness) क्यों नहीं देखा गया? शरद पवार के मुख्यमंत्री रहते क्या हुआ ? इसकी जांच के लिए पत्र जारी किया जाना चाहिए | 23 मार्च 1994 मराठाओं के लिए काला दिन बन गया | इसका अहम कारण यह है कि उसी दिन शरद पवार ने रातों-रात 181 नंबर हटा दिया और दो अन्य जातियों को ओबीसी में शामिल कर लिया | डेस्क ऑफिसर (desk officer) के हस्ताक्षर से दो जातियों को ओबीसी (OBC) में लिया गया | उन्हें तुरंत 14 फीसदी आरक्षण दिया गया और उसके बाद उनकी भर्ती की गई | तेली और माली समुदायों को ओबीसी की सूची में शामिल करने के बाद 23 मार्च 1994 से उनके बच्चे नौकरियों के हकदार हो गए हैं। लेकिन , रातों-रात लिए गए इस फैसले के कारण आज लाखों मराठा बच्चे बेरोजगार हैं। इस फैसले के लिए शरद पवार (Sharad Pawar) जिम्मेदार हैं क्योंकि यह तब लिया गया था जब वह मुख्यमंत्री (CM) थे। आपको बता , दे कि नामदेवराव जाधव (Namdevrao Jadhav) एक प्रोफेसर, लेखक और व्याख्याता हैं। उन्होंने 'शिवाजी द मैनेजमेंट गुरु' ('Shivaji the Management Guru') किताब लिखी है। लेकिन उन्होंने अपने फेसबुक पेज और सोशल मीडिया साइट पर भी दावा किया है कि वह जिजाऊ के वंशज हैं। लेकिन अब जिजाऊ के वंशजों ने मांग की है कि वे लापता हैं और उनकी कानूनी जांच की जानी चाहिए |

Updated : 15 Nov 2023 6:42 PM IST
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