Mumbai Kurla: मोनिका मोरे ने कहा, मेरे हाथ मुझे वापस मिल गए
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मुंबई। कुर्ला नेहरूनगर की निवासी साल 2014 में रेल दुर्घटना में दोनों हाथ गंवाने वाली मोनिका मोरे के लिए हैंड ट्रांसप्लांट सर्जरी अहम साबित हुई है। 28 अगस्त को ग्लोबल अस्पताल में मोनिका की सर्जरी हुई थी। चार सप्ताह तक डॉक्टरों की निगरानी में रहने के बाद मोनिका को घर भेज दिया गया। मोनिका के माध्यम से पहली बार सफल हैंड ट्रांसप्लांट सर्जरी को अंजाम दिया गया। इस कारण हाथ गंवा चुके अन्य लोगों को भी उम्मीद की किरण नजर आने लगी है। मोनिका को एक साल तक हाथों का विशेष ध्यान रखना होगा।
शुरुआत के 6 महीने तक उन्हें अपने हाथों को पानी से बचाना होगा, साफ-सफाई का ध्यान रखना होगा, निरंतर अस्पताल में जांच, दवाई और फिजियोथेरेपी समय- समय पर करानी होगी। मोनिका ने कहा, 'मुझे इस बात की खुशी है कि जो हाथ मैंने खो दिए थे, वो दानकर्ता और डॉक्टरों की मदद से वापस मिल गए हैं।
'डॉ. नीलेश सतभाई के मुताबिक, दूसरे का अंग जब मरीज के शरीर में ट्रांसप्लांट किया जाता है, तो शरीर उसे जल्द स्वीकार नहीं करता है। मरीज को दवाएं लेनी पड़ती हैं। मोनिका को ऑपेरशन होने के बाद से दवाइयां दी जा रही हैं और उसे हमेशा दवाइयां लेनी होंगी। मोनिका को चेन्नई के सॉफ्टवेयर इंजिनियर के हाथ लगाए गए हैं। इंजिनियर की ब्रेन डेड होने के बाद उसके हाथों से पश्चिम भारत में पहली हैंड ट्रांसप्लांट सर्जरी की गई।
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