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राष्ट्रपति पद के एनडीए की सर्वसम्मति से श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को बनाया गया उम्मीदवार

राष्ट्रपति पद के एनडीए की सर्वसम्मति से  श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को बनाया गया उम्मीदवार
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नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले एनडीए द्वारा देश में तीसरी बार नामित उम्मीदवार के अगले जुलाई में राष्ट्रपति बनने की संभावना है। वर्ष 2009 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए-1 सरकार के दौरान पहली बार एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रपति चुने गए। उन्हें 2014 में रामनाथ कोविंद ने भाजपा उम्मीदवार के रूप में सफलता दिलाई थी। हालांकि, वास्तविकता यह है कि कोविंद पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं जो सीधे तौर पर भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े हैं। लेकिन इस बार बीजेपी ने पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू का नाम राष्ट्रपति पद के नाम की घोषणा की है। भाजपा पहली बार राष्ट्रपति पद के लिए एक आदिवासी उम्मीदवार को मैदान में उतार सकती है जिसमें अनुसुइया उइके या द्रौपदी मुर्मू का नाम आगे चल रहा था। छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके और झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू भी शामिल था। खास बात यह है कि दोनों महिलाएं हैं, दोनों आदिवासी समाज से है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने नई दिल्ली में प्रेस पांफ्रेंस कर इसकी जानकारी दी।



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया ट्वीट

श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को NDA और भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है। द्रौपदी मुर्मू भारतीय राजनीतिज्ञ और १८ मई २०१५ से झारखण्ड की राज्यपाल हैं। वे झारखण्ड की प्रथम महिला राज्यपाल हैं। वर्ष २००० से २००४ तक ओडिशा विधानसभा में रायरंगपुर से विधायक तथा राज्य सरकार में मंत्री भी रहीं। वे पहली ओडिया नेता हैं जिन्हें किसी भारतीय राज्य की राज्यपाल नियुक्त किया गया है। एनडीए की सर्वसम्मति से द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया गया है।




देश के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति चुनाव में महज 28 दिन बचे थे। चुनाव की तारीख नजदीक आते ही राजनीतिक गलियारा और सक्रिय हो गया है। एनडीए प्रत्याशी पर सबकी निगाहें हैं। ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि आंकड़ों के मुताबिक चुनाव में एनडीए अभी भी मजबूत दिख रही है। बीजेपी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए 10 से ज्यादा दिग्गजों के नाम पर अभी भी बातचीत चल रही थी। हालांकि, ऐसे पांच नाम हैं, जो सबसे ज्यादा चर्चा में हैं। 1. थावरचंद गहलोत, 2. आरिफ मोहम्मद खान 3. मुख्तार अब्बास नकवी, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू नाम सबसे आगे चल रहा था।

बीजेपी ने अब तक चुनावों में क्या किया है?

एनडीए ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को विपक्ष और एनडीए में शामिल दलों का समर्थन हासिल करने की जिम्मेदारी सौंपी है। इसके लिए राजनाथ सिंह ने ममता बनर्जी, शरद पवार, मल्लिकार्जुन खड़गे, अखिलेश यादव, उद्धव ठाकरे, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक समेत विपक्ष के कई वरिष्ठ नेताओं और एनडीए के सहयोगियों से संपर्क किया. इसके अलावा बीजेपी ने मैनेजमेंट टीम भी बनाई है. इसके संयोजक गजेंद्र सिंह शेखावत हैं। विनोद तावड़े और सीटी रविन को समन्वयक बनाया गया है। साथ ही 11 सदस्यों की नियुक्ति की गई थी।

चुनाव का पूरा कार्यक्रम

राष्ट्रपति चुनाव की घोषणा 15 जून को जारी कर दी गई है। नामांकन की अंतिम तिथि 29 जून है। उम्मीदवारी के कागजातों का सत्यापन 30 जून तक किया जाएगा। उम्मीदवार 2 जुलाई तक अपना नामांकन वापस ले सकते हैं। 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होगा और उसके नतीजे 21 जुलाई को आएंगे। नए राष्ट्रपति का शपथ समारोह 25 जुलाई को होगा।

राष्ट्रपति चुनाव में कितने मतदाता हैं?

राष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा, राज्यसभा और राज्य विधानसभा के सदस्यों ने अपना वोट डालेगे। 245 सदस्यीय राज्यसभा में से केवल 233 सांसद ही मतदान कर सकते हैं, लेकिन कश्मीर में विधानसभा भंग कर दी गई है। यहां राज्यसभा की चार सीटें खाली हैं। ऐसे में राष्ट्रपति चुनाव में सिर्फ 229 राज्यसभा सांसद ही वोट डाल पाएंगे।


यहां तक कि राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत 12 सांसदों को भी इस चुनाव में वोट देने का अधिकार नहीं है। वहीं, लोकसभा के सभी 543 सदस्य चुनाव में जाएंगे। इसमें आजमगढ़, रामपुर और संगरूर उप चुनाव जीतने वाले सांसद शामिल होंगे। साथ ही सभी राज्यों के कुल 4033 विधायक भी राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान करेंगे। इस प्रकार राष्ट्रपति चुनाव में कुल मतदाताओं की संख्या 4809 हो जाएगी।

Updated : 21 Jun 2022 4:52 PM GMT
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