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महाराष्ट्र में ईडी की एक और बड़ी कार्रवाई, डीसी मोटर्स के मालिक दिलीप छाबड़िया के 6 ठिकानों पर छापेमारी

महाराष्ट्र में ईडी की एक और बड़ी कार्रवाई, डीसी मोटर्स के मालिक दिलीप छाबड़िया के 6 ठिकानों पर छापेमारी
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मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को डीसी मोटर्स के मालिक दिलीप छाबड़िया के ठिकानों पर छापेमारी की। ईडी ने ये छापेमारी मुंबई और पुणे में छह जगहों पर एक साथ की गई। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक ईडी ने दिलीप छाबड़िया के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। मिली जानकारी के मुताबिक मुंबई पुलिस की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) और EOW (इकोनॉमिक ऑफेंस विंग) द्वारा दर्ज मामलों के आधार पर छाबड़िया, उनकी बहन, उनके बेटे और अन्य के खिलाफ 2020 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया है। दिलीप छाबड़िया (DC) डिज़ाइन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कुछ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) से कथित रूप से ग्राहकों के रूप में ऋण लेने के बाद मुंबई पुलिस की CIU टीम द्वारा दिलीप छाबड़िया को 28 दिसंबर, 2020 को गिरफ्तार किया गया था।



मुंबई पुलिस की CIU टीम ने की है।मुंबई पुलिस की CIU टीम के प्रभारी थे सचिन वझेकी टीम ने दिलीप छाबड़िया को अंधेरी के एमआईडीसी इलाके से गिरफ्तार किया था। इस मामले में पुलिस ने आईपीसी की धारा 420, 465, 467, 468, 471, 120 बी और 34 के अंतर्गत मामला दर्ज किया है। फिलहाल इस मामले में मुंबई पुलिस की CIU टीम पूर्व प्रभारी सचिन वझे खुद एंटीलिया मामले में एनआईए द्वारा गिरफ्तार तलोजा जेल में बंद है। दिलीप छाबड़िया (car designer Dilip Chhabria) मामले में पुलिस ने अहम खुलासे करते हुए कहा है कि छाबरिया ने एक ही नंबर की कई गाड़ियां अन्य लोगों को बेची थी और बाद में फिर उन्हें खरीदा भी है, जिसकी जांच चल रही है।





दिलीप छाबड़िया के खिलाफ अब तक तीन मामले दर्ज किए गए हैं। दो सीआईयू द्वारा और एक मुंबई पुलिस की वित्तीय अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा। छाबड़िया ने डीसी अवंती नामक एक कार का निर्माण किया जिसे कई कार शो में प्रदर्शित किया गया था और इसे भारत की पहली स्पोर्ट्स कार कहा गया था। क्या है भाई मुंबई पुलिस द्वारा छाबड़िया के खिलाफ दायर आरोप पत्र में, अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि छाबड़िया ने कुछ एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय निगम) के अधिकारियों के साथ मिलकर उन ग्राहकों के नाम का उपयोग करके प्रति कार 42 लाख रुपये का ऋण लिया, जिन्होंने उनकी कंपनी से कार खरीदी थी, और बाद में ऋण चुकाने में विफल रहा। जिससे एनपीए हो गया। इस मामले में छाबड़िया के बेटे, बहन और एनबीएफसी के एक वरिष्ठ अधिकारी भी आरोपी थे।

Updated : 29 July 2022 4:15 AM GMT
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