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भरोसा सेल पर बढ़ रहा है 'भरोसा' एक के बाद कई मामलों को सुलझाने में मिली पुलिस को सफलता

भरोसा सेल पर बढ़ रहा है भरोसा एक के बाद कई मामलों को सुलझाने में मिली पुलिस को सफलता
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मुंबई: मीरा-भायंदर, वसई-विरार पुलिस की "भरोसा सेल" पर लोगों का भरोसा बढ़ने लगा है। पिछले एक महीने की बात करें तो विदेशों में प्रताड़ना में फंस लोगों को भारत की 4 बड़ी घटनाओं को सुलझाने में भरोसा सेल के पास आई शिकायतों पर ध्यान देकर लोगों को विदेशों से भारत लाने में भरोसा सेल की कोशिश कामयाब हुई है इसलिए लोगों का भरोसा "भरोसा सेल" पर ज्यादा अटल हो गया है।

इस बार कुवैत में फंसे एक दंपत्ति को छुड़ाने में सफलता हासिल की है। पीड़ित विजयलक्ष्मी (40) और हरेश (42) एक एजेंट के माध्यम से कुवैत में घरेलू काम करने गए थे। उन्हें कह कर भेजा गया था कि एक परिवार में उन्हें 3 बच्चों को संभालना है और जरूरी घरेलू कामों को करना है। लेकिन कुवैत जाने पर नजारा ही कुछ और था। वहाँ दोनो को 9 बच्चे संभालने थे और 6 कमरों की सफाई करना था। सुबह 6 बजे से काम शुरू कर अगले दिन सुबह 4 बजे तक वे काम करते थे। लगातार काम करने से विजयलक्ष्मी को 'मिर्गी' की समस्या होने लगी और वो बीमार रहने लगी। अंततः उसे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। जैसे तैसे करके दोनों ने यहां परिजनों को संपर्क करके अपनी आप बीती बताई तो यहां परिजनों ने मीरा भायंदर वसई-विरार के भरोसा सेल में शिकायत दर्ज कराई।


पुलिस आयुक्त सदानंद दाते कहते है कि यह पुलिस का दायित्व है कि वह ऐसे मामलों में तत्काल हरकत में आये। मुझे खुशी है कि हमारे अधिकारी अच्छा काम कर रहे है।

अपने साथ ठगी होता देख विजयलक्ष्मी और हरेश भारत आने की मांग करने लगे। लेकिन कुवैत में उनका मालिक उन्हें छोड़ने को तैयार नही था। कुवैती मालिक ने दोनों का जब्त कर लिया था पासपोर्ट इसी दौरान विजयलक्ष्मी ने भारत में अपनी पूर्व मालकिन ज्योति पांडेय से संपर्क किया। इस मामले में मुख्य भूमिका निभाने वाली पीएसआई तेजश्री शिंदे ने बताया कि ज्योति पांडेय ने भाईंदर पश्चिम स्थित 'भरोसा सेल' से संपर्क किया। जिसके बाद कुवैत स्थित भारतीय दूतावास के सहयोग से दोनो को भारत लाया गया।


एक और मामले में मीरा-भाईंदर वसई-विरार पुलिस की भरोसा सेल ने शिकायत के 72 घंटे में दुबई में फंसी एक लडक़ी को बचाने में सफलता प्राप्त की थी। पीड़िता दुबई में एक भारतीय मूल के परिवार के आया घरेलू काम किया करती थी। शिकायत में पीड़िता की मां ने बताया कि उसकी लड़की एक वर्ष के करार पर धरेलू काम और बच्चों को संभालने के लिए दुबई गयी है। विगत 24 दिनों से उसका उसकी बेटी से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है। जब इस बात मां ने बेटी को नौकरी देने वाले व्यक्ति के परिवार को संपर्क किया तो उसे कोई समाधान पूर्वक जवाब नहीं मिला। अंततः मां से पुलिस आयुक्त सदानंद दाते से इस संबंध में संपर्क किया।


मामलें की गंभीरता को समझते हुये आयुक्त ने मामला पासपोर्ट डिपार्टमेंट की पीएसआई शीतल शिंदे को मामला सौंपा गाया। शीतल शिंदे ने दुबई स्थित भारतीय कॉन्सुलेट जनरल में संपर्क किया। दुबई में भारतीय दूत संजय सुधीर के मार्गदर्शन ने पीड़िता को 72 घंटे में रेसक्यू कर भारत भेज दिया गया। गौरतलब है कि इस दौरान पीड़िता को नौकरी देने वाला परिवार उसे भारत भेजने में आनाकानी भी कर रहा था।


पिछले महीने इसी तरह के मामलें में 'भरोसा सेल' की पीएसआई तेजश्री शिंदे ने मध्य अफ्रीका के कांगो से एक लड़की को छुड़ाने में सफलता प्राप्त किया था। उक्त मामलें में भी शिकायतकर्ता पीड़िता की मां ने पुलिस को बताया कि उनकी बेटी को उसका पति पीटता था और महीनों से उसे उसके परिवार से संपर्क नहीं करने दे रहा उसका फोन भी जब्त कर लिया है। घर के नौकरानी के फोन से उनकी लडकी ने मां को संपर्क किया था। भरोसा सेल की पुलिस उपनिरीक्षक तेजश्री शिंदे कहती है कि ऐसे कामों से भरोसा सेल की विश्वसनीयता बढ़ती हम लोगों के लिए काम कर रहे है।


Updated : 9 July 2022 12:24 PM GMT
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