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केंद्रीय जांच एजेंसियों का उपयोग कर विपक्षी दलों की आवाज को दबाने की कूटरचित राजनीति की कोशिश... महेश की जाँच करें

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मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता महेश सेचे ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जब महंगाई, बेरोजगारी जैसे गंभीर मुद्दों से निपटने में विफल रही मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाई जा रही है, तो उन आवाजों को जारी कर चुप कराने की कोशिश की जा रही है. केंद्रीय एजेंसियों द्वारा उन विरोधियों को सम्मन। विपक्ष के सांसदों विधायकों और पार्टी प्रमुखों को कितना जांच एजेंसियों के माध्यम से केंद्र सरकार परेशान करना चाह रही है। ईडी को कोई नहीं जानता था अब बच्चा-बच्चा जानने लग गया है ईडी क्या है।

2019 में भी देश के नेता का सम्मान है। ऐसे समन शरदचंद्रजी पवार को भेजे गए थे। कुछ दिन पहले शिवसेना नेता संजय राउत, अनिल परब की तरह देश के अन्य विपक्षी दल के नेताओं को भी समन भेजा गया था, जिसमें कांग्रेस नेता श्री. महेश तपासे ने याद दिलाया कि राहुल गांधी जी से पूछताछ की गई थी। आज कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी को भी ईडी ने पूछताछ के लिए तलब किया है. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए क्या यह विपक्ष और देश की आम जनता की आवाज को दबाने की कोशिश है? यही सवाल आज देश की जनता के सामने है। ऐसे में एनसीपी विपक्षी दलों की आवाज को दबाने की इन कोशिशों को खारिज करती है. उन नेताओं का क्या हुआ जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे और बाद में भाजपा में शामिल हो गए? महेश तपासे ने यह भी कहा कि बीजेपी को आज इसका जवाब देना चाहिए।

महेश तपासे ने कहा कि जिस तरह से एनसीपी, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी के नेताओं को ईडी के जरिए परेशान किया गया सबने देखा। रोजाना ईडी के माध्यम से नेताओं में खौफ फैलाकर दबाव बनाने की केंद्र और मोदी सरकार की यह रणनीति बन गई है। कैसे विपक्ष के नेता परेशान हो इसकी हर संभव कोशिश की जा रही है। अब इसको लेकर सड़कों पर उतरना ही बाकी रह गया है इसके खिलाफ भी सभी विपक्ष को लामबंद होना पड़ेगा अगर यह बंद नहीं हुआ तो। कई दशक पुराने मामले को सामने लाना उसकी जांच के आदेश देना 8 साल से सत्ता में आप है पहले आते ही क्यों नहीं किया गया। आप सरकारी जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करते रहे लेकिन विपक्ष की आवाज दबने वाली नहीं है।

विरोधी पक्ष के नेताओं को सबसे ज्यादा परेशान भाजपा ने पिछले 8 सालों से करना शुरू किया है। जो दागी नेता भाजपा के साथ चले गए बडे से बडा घोटाला करके उनके सारे घोटाले माफ वो गंगा स्नान करके साधु हो गए। जो भाजपा के सामने तदमस्तक नहीं हुए उनके पीछे ईजी, सीबीआई नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो फोन टैपिंग करके उनको कही न कही फांसने की कवायद केंद्र द्वारा शुरू है। बंद करो यह सब विपक्ष को फांसने की कोशिश सडक पर न उतरे पार्टी और आम जनता अब सब त्रस्त हो गए बढ़ती महंगाई बेरोजगारी से आम आदमी परेशान है सरकार इस ओर ध्यान नहीं है। सरकार का ध्यान विपक्षी नेताओं की उनके खिलाफ उठने वाली आवाज को दबाना और केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करना यह काम रह गया है। जांच की जाए बेशक लेकिन राजनीतिक और बदले की भावना से नही।

Updated : 21 July 2022 5:16 PM IST
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