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L&T के chairman SN.Subrahmanyan ने कहा," हफ्ते में 90 घंटा का काम करना चाहिए"

L&T के chairman SN.Subrahmanyan ने कहा, हफ्ते में 90 घंटा का काम करना चाहिए
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हाल ही में नारायण मूर्ति के 70 घंटे काम करने के बयान के बाद देशभर में बहस शुरू हो गई थी। लोग उनके इस विचार को लेकर आलोचना कर ही रहे थे कि अब लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के चेयरमैन एस.एन. सुब्रमण्यन ने इससे भी आगे बढ़कर कहा कि हमें सप्ताह में 90 घंटे काम करना चाहिए। इतना ही नहीं, उन्होंने सुझाव दिया कि रविवार को भी घर पर समय बिताने के बजाय काम पर ध्यान देना चाहिए।


क्या कहा सुब्रमण्यन ने?

एस.एन. सुब्रमण्यन ने अपने बयान में कहा:


"हमें अधिक उत्पादक होने के लिए सप्ताह में 90 घंटे तक काम करना चाहिए।"

"रविवार को घर में क्या कर रहे हैं? रविवार को भी काम करें। इससे देश की प्रगति तेज होगी।"

उनका मानना है कि अगर लोग मेहनत से काम करेंगे, तो देश का विकास भी तेजी से होगा।

लोगों की प्रतिक्रिया:

आलोचना और गुस्सा:


सोशल मीडिया पर लोगों ने सुब्रमण्यन के इस बयान की कड़ी आलोचना की।

कई लोगों ने कहा कि यह सोच वर्क-लाइफ बैलेंस को खत्म कर देगी।

कुछ ने तंज कसा कि यह केवल बड़े अधिकारियों के लिए सही हो सकता है, लेकिन आम कर्मचारी पहले ही अपनी क्षमता से अधिक काम कर रहे हैं।

मजाक और मीम्स:


बयान के बाद ट्विटर और इंस्टाग्राम पर मीम्स की बाढ़ आ गई।

लोगों ने मजाक में कहा कि क्या अब हमें सोने और खाने का भी समय नहीं मिलेगा?

विशेषज्ञों की राय:

मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर असर:

मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि 90 घंटे काम करना न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि इससे मानसिक स्वास्थ्य भी बुरी तरह प्रभावित हो सकता है।

प्रोडक्टिविटी में गिरावट:

अध्ययन बताते हैं कि अधिक समय तक काम करने से प्रोडक्टिविटी बढ़ने के बजाय घट जाती है।

काम के घंटे बढ़ाने की जरूरत क्यों?

सुब्रमण्यन का कहना है कि अगर भारत को एक मजबूत वैश्विक अर्थव्यवस्था बनना है, तो हमें अपनी कार्य संस्कृति में बदलाव लाना होगा।

उनका यह भी मानना है कि विकसित देशों की तरह हमें अधिक मेहनत करनी होगी।

Updated : 10 Jan 2025 9:13 PM IST
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