काशी में मुक्ति का एकमात्र मार्ग ज्ञान है, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन से देश को मिलेगी नई दिशा-पीएम
अमृत संकल्पों को पूरा करने की बड़ी जिम्मेदारी हमारी शिक्षा व्यवस्था और युवा पीढ़ी पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में अखिल भारतीय शिक्षा समागम का किया उद्घाटन। इस नीति के तहत वैश्विक शिक्षा का केंद्र बनेगा देश, आज परिणाम संग प्रमाण जरूरी-पीएम
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लखनऊ: काशी को भी मोक्ष की नगरी इसलिए कहते हैं, क्योंकि हमारे यहां मुक्ति का एकमात्र मार्ग ज्ञान को ही माना गया है। इसलिए शिक्षा और शोध का, विद्या और बोध का मंथन, जब सर्व विद्या के प्रमुख केंद्र काशी में होगा, तो इससे निकलने वाला अमृत अवश्य देश को नई दिशा देगा। ये बातें गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी में अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन अवसर पर कहीं। कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय शिक्षा समागम का ये आयोजन उस पवित्र धरती पर हो रहा है, जहां आजादी से पहले देश की इतनी महत्वपूर्ण यूनिवर्सिटी की स्थापना हुई थी। ये समागम आज ऐसे समय हो रहा है, जब देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। अमृत काल में देश के अमृत संकल्पों को पूरा करने की बड़ी जिम्मेदारी हमारी शिक्षा व्यवस्था और युवा पीढ़ी पर है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा को संकुचित सोच के दायरे से बाहर निकालना है। देश में मेधा की कमी नहीं है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन से देश को नई दिशा मिलेगी। आजादी के पहले शिक्षा का मतलब नौकरी से था,आजादी बाद थोड़ा बदलाव हुआ। शिक्षा में कलाओं की धारणा है। मेरी काशी इसका उदाहरण है। ये ज्ञान का केंद्र केवल शिक्षण, गुरुकुल की वजह से नहीं, बल्कि बहुआयामी होने की वजह से थी। हमें केवल डिग्री धारक युवाओं को नहीं तैयार करना है, युवाओं की रुचि, कौशल और प्रतिभा के अनुसार युवाओं को नए अवसर देते हैं। नए भारत के निर्माण के लिए नई दुनिया तैयार हो रही है। अब महिलाओं और बेटियों के लिए जो दरवाजे पहले बंद थे वो खुले हैं। आज विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। हमें युवाओं को खुली उड़ान भरने के लिए उनके विचारों को प्रेरित करना होगा।
नई शिक्षा नीति का फोकस प्रतिभा पर-पीएम
उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का फोकस प्रतिभा पर है। ये मातृभाषा में पढ़ने के रास्ते खोल रही है। 2014 के बाद 55 प्रतिशत मेडिकल कॉलेज की संख्या बढ़ी। देश इस नीति के तहत वैश्विक शिक्षा का केंद्र बनेगा। ये जरूरी है कि शिक्षा व्यवस्था अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर हो। मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है कि वर्ल्ड यूनिवर्सिटी में देश के विश्वविद्यालयों की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि देश के युवाओं के नए विचारों को नई योजनाओं से जोड़ें। आज परिणाम संग प्रमाण जरूरी है।
बीते कुछ वर्षों में हमने यूपी में ही दर्जनों नए मेडिकल कॉलेज बनाए हैं: आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी pic.twitter.com/Cj6Ehm3YDi
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) July 7, 2022
यूपी ने नई शिक्षा नीति को प्रभावी ढंग से किया लागू-सीएम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रभावी रूप से लागू है। प्रदेश के सभी 30 शासकीय विश्वविद्यालय और 35 निजी क्षेत्र के विश्वविद्यालय में इस नीति को आगे बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि ये नीति ज्ञान के द्वारों को सभी दिशाओं से खोलने का काम कर रही है। मुझे विश्वास है कि यहां के तीन दिवसीय मंथन से ज्ञान का अमृत निकलेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में पीएम नरेंद्र मोदी ने जीवन के साथ जीविका बचाने के काम साथ ही नए भारत को आगे बढ़ाने के लिए नई शिक्षा नीति को लाने का अहम काम किया है।
'राष्ट्रीय शिक्षा नीति' भारत की उस वैदिक परंपरा का प्रतिनिधित्व करती है, जो यह उद्घोष करती है- 'आ नो भद्राः क्रतवो यन्तु विश्वत:' pic.twitter.com/aupTZx2iL8
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) July 7, 2022