चालू कीर्तन में कीर्तनकर का निधन ; जामदे गांव की घटना
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नंदुरबार : नंदुरबार जिले के सीमा पर स्थित जामदे गांव में कीर्तन के मंच पर ताजुद्दीन महाराज शेख ने अंतिम सांस ली. जामदे गांव में पिछले सप्ताह से ज्ञानेश्वरी परायण सप्ताह शुरू हो गया है। सुबह ज्ञानेश्वरी पारायण के बाद हर रात विभिन्न कीर्तनकरों का कीर्तन किया जा रहा था। इसी बीच सोमवार की रात ताजुद्दीन महाराज शेख का कीर्तन चल हा रहा था कि वही अपने सीने में दर्द होने से वह नीचे बैठ गए। लोंगो ने उन्हें पानी भी उपलब्ध कराया।
लेकिन उन्हें डॉक्टर के पास ले जाते समय वो अपनी अंतिम सांस ले चुके थे। कीर्तन के मंच पर एक चर्चित कीर्तनकार का अंत सही मायनों में सभी को हैरान करने वाला है. हालांकि ताजुद्दीन महाराज मुस्लिम समुदाय से थे, लेकिन उन्होंने वारकरी संप्रदाय की जीवन शैली को अपनाया था। वह मूल रूप से जालना जिले के घनसावंगी तालुका में जाम्ब समर्थ के पास बोधलापुरी के रहने वाला थे। उन्होंने गांव के साथ-साथ पैठण में एक आश्रम स्थापित किया था और वहां से वारकरी संप्रदाय के प्रचार-प्रसार का काम कर रहे थे. उनके निधन पर कई लोगों ने शोक जताया है।