जारांगे पाटील ने कहा, ‘सलाइन’ के जरिये जहर देकर मुझे खत्म करने की योजना थी
X
उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस पर गंभीर आरोप लगाने के बाद मुंबई रवाना हुए मनोज जारांगे पाटिल ने सोमवार को जालना जिले में रूके। उन्होंने अंतरवाली सराती में सत्रह दिनों से चल रही भूख हड़ताल को समाप्त कर श्रृंखलाबद्ध भूख हड़ताल शुरू करने की भी घोषणा की. उधर, जारांगे के बयान और आंदोलन के जवाब में राज्य सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए मराठा प्रदर्शनकारियों पर केस दर्ज करना शुरू कर दिया है.
इस बीच सरकार बनाम जारांगे पाटिल की तस्वीर देखी जा सकती है, जहां सोमवार को मराठवाड़ा के तीन जिलों जालना, बीड, संभाजीनगर में आगजनी और विरोध प्रदर्शन हुए, वहीं इन जिलो में इंटरनेट सेवाओ को भी बंद कर दीया गया है. वहीं मनोज जारांगे पाटील ने कहा कि, ‘मैं मराठों को ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) श्रेणी में शामिल करने और कुनबी प्रमाणपत्र जारी करने की अपनी मांग से पीछे नहीं हट रहा हूं. आगे जारांगे पाटील कहते है, की ‘सलाइन’ के जरिये जहर देकर मुझे खत्म करने की योजना थी. यह सरकार राजनीतिक चालों के जरिये प्रमुख समुदायों को नीचा दिखाने की कोशिश कर रही है.’
मराठवाड़ा में शांति भंग होने से कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न न हो इसके लिए पुलिस को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं. इसके बाद सोमवार को पुलिस ने जारांगे के साथियों की धरपकड़ शुरू कर दी. जारांगे के खिलाफ दो जगहों पर केस भी दर्ज किया गया है. साथ ही कुछ जगहों पर कर्फ्यू और भीड़ पर प्रतिबंध भी लागू किया गया है. इसलिए, बैठक के बाद मुंबई के सागर बंगले के लिए रवाना हुए मनोज जारांगे पाटिल को जालना के अंबाद तालुका के भमबेरी गांव से हटना पड़ा। वहां से वे अपने गांव सराती चले गये
चूंकि इस समय परीक्षाओं का समय है, इसलिए आंदोलन को खत्म करने के लिए पुलिस को निर्देश दिये गये हैं, ताकि आम लोगों की रोजमर्रा की गतिविधियों में कोई व्यवधान न हो. जारांगे ने हर गांव में रोजाना 'रास्ता रोको' विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था। उसके आधार पर बीड जिले के शिरूर कसार और अम्मालनेर पुलिस स्टेशनों में मामला दर्ज किया गया हैं। साथ ही, पिछले कुछ महीनों में राज्य भर में उनके कार्यकर्ताओं के खिलाफ 1,400 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान पिछले कुछ दिनों में करीब 80 गन मारे गए
सरकार के खिलाफ सोमवार को मराठवाड़ा के कुछ हिस्सों में हिंसा की घटनाएं हुई हैं। अंबाद तालुका के तीर्थपुरी गांव में भीड़ ने एक एसटी बस को आग लगा दी। जबकि छत्रपति संभाजीनगर, जालना और बीड जिलों में एसटी सेवाएं बंद कर दी गई हैं. तीनों जिलों में इंटरनेट सुविधाएं बंद कर दी गई हैं जिसके चलते सामान्य कारोबार भी प्रभावित हुआ है.