बिहार नीतीश कैबिनेट के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने नीतीश कैबिनेट से दिया इस्तीफा
सुधाकर सिंह 2013 के चावल घोटाले में आरोपी हैं और उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज है
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स्पेशल डेस्क, मैक्स महाराष्ट्र, पटना: बिहार के बाहुबली कृषि मंत्री राजद नेता सुधाकर सिंह ने नीतीश कुमार कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को छोड सुधाकर सिंह कुसी की बात नहीं सुनते है। सुधाकर ने सरकार को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। पिछले कुछ दिनों से बिहार की राजनीति में अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले सुधाकर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। कृषि मंत्री बिहार राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पुत्र हैं। वह नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार में कृषि मंत्री थे। सुधाकर सिंह के मंत्री पद से इस्तीफे की पुष्टि उनके पिता और राजद अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने की है।
सुधाकर सिंह के पिता और राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि कृषि मंत्री ने किसानों के लिए आवाज उठाई लेकिन आवाज उठाने के साथ-साथ कुर्बानी भी दी जाती है. इसलिए कृषि मंत्री ने इस्तीफा दे दिया है। राजद कोटे से नीतीश की कैबिनेट में शामिल हुए सुधाकर सिंह उस वक्त चर्चा में आए जब उन्होंने यह बयान दिया कि कृषि विभाग में कई चोर हैं. इतना ही नहीं उसने खुद को चोरों का मुखिया घोषित कर दिया। सुधाकर सिंह ने कहा कि उनके ऊपर और भी कई सरदार हैं। कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने जनता को संबोधित करते हुए कृषि विभाग के अधिकारियों की भी आलोचना की।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके अपने मंत्री सुधाकर सिंह के बीच अनबन पहले ही सार्वजनिक रूप से सामने आ चुकी थी। पिछले महीने नीतीश कुमार ने कृषि मंत्री सुधाकर सिंह के बिना कृषि विभाग की समीक्षा बैठक की थी। इस बैठक में मुख्य सचिव समेत कई अधिकारी मौजूद थे। बिहार में नीतीश कुमार ने भले ही सत्ता परिवर्तन कर दी हो लेकिन व्यवहार से कहीं सरकार गिरी तो उसका नुकसान उसको ही भुगतना पडेगा। सुधाकर सिंह ने कहा मैं ही नहीं कई मंत्री इससे परेशान है। कुछ लोगों का कहना है कि सुधाकर सिंह की यह सीएम नीतीश कुमार की गीदड़ भभकी है।
सीएम नीतीश ने दी सुधाकर सिंह को सलाह
चोरों के सरदार के बयान पर नीतीश कुमार ने सुधाकर सिंह को सलाह दी कि उन्हें इस तरह के बयान से बचना चाहिए. लेकिन उन्होंने कैबिनेट बैठक के बाद अपने पद से इस्तीफा देने की धमकी दी। सुधाकर सिंह अपने बयान पर कायम रहे और आरोप लगाया कि कृषि विभाग के सभी अधिकारी भ्रष्ट हैं। सुधाकर सिंह 2013 के चावल घोटाले में आरोपी हैं और उनके खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज है। इसके लिए विपक्ष लगातार उन पर हमले कर रहा है.