अब आईआरसीटीसी नहीं बेचेगा यात्री और ग्राहक का डाटा, विरोध के बाद टेंडर लिया वापस
X
नई दिल्ली: भारतीय रेलवे की सहायक कंपनी इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन ने लोगों के व्यक्तिगत डेटा को बेचने के लिए अपना टेंडर आज वापस ले लिया। आईआरसीटीसी ने ग्राहक डेटा बेचने के लिए एक सलाहकार की नियुक्ति की घोषणा की, जिसकी जनता ने भारी आलोचना की। इसके बाद आईआरसीटीसी ने इस मामले से जुड़ा टेंडर वापस ले लिया है।
इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) ने अपने बड़े ग्राहक डेटा को 1000 करोड़ रुपये में बेचता था। राजस्व सृजन योजना में कॉरपोरेशन ने सलाहकारों की नियुक्ति के लिए टेंडर जारी किया है। हाल ही में जारी निविदा के अनुसार, आईआरसीटीसी के पास एक विशाल डिजिटल डेटा भंडार है। डिजिटल मुद्रीकरण के माध्यम से आईआरसीटीसी का राजस्व में लक्ष्य रु. 1,000 करोड़ रुपये का है।
लोगों ने यात्री और ग्राहक डेटा बेचने के आईआरसीटीसी के फैसले का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि आईआरसीटीसी के पास ग्राहकों के व्यक्तिगत फोन नंबर, घर के पते, बैंक खाते के विवरण जैसे अत्यधिक संवेदनशील डेटा हैं। ग्राहक अपनी निजी जानकारी आईआरसीटीसी को भरोसे के साथ मुहैया कराते हैं। अगर आईआरसीटीसी इस डेटा को बेचता है, तो यह ग्राहक के भरोसे का उल्लंघन होगा।
आईआरसीटीसी के अधिकारियों ने कहा कि डेटा की बिक्री को वापस लेने का फैसला डेटा प्राइवेसी को लेकर तमाम चिंताओं के बाद लिया गया है। उल्लेखनीय है कि आईआरसीटीसी के 10 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं, जिनमें से 7.5 करोड़ सक्रिय हैं।