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महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने लड़कियों के लिए गैर-पारंपरिक आजीविका में कौशल पर राष्ट्रीय सम्मेलन "बेटियाँ बने कुशल" का​ किया गया​ आयोजन

अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर केंद्रीय मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने लड़कियों को कौशलयुक्त बनाने, उनके सशक्तिकरण तथा गैर-पारंपरिक आजीविका और मंत्रालयों तथा विभागों के बीच तालमेल पर जोर दिया

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने लड़कियों के लिए गैर-पारंपरिक आजीविका में कौशल पर राष्ट्रीय सम्मेलन बेटियाँ बने कुशल का​ किया गया​ आयोजन
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स्पेशल डेस्क, मैक्स महाराष्ट्र, नई दिल्ली: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (एमडब्ल्यूसीडी) ने कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) तथा अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के साथ साझेदारी में आज अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर यहां लड़कियों के लिए गैर-पारंपरिक आजीविका (एनटीएल) पर एक अंतर-मंत्रालयी सम्मेलन "बेटियाँ बने कुशल" का आयोजन किया। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी इस मौके पर मुख्य अतिथि थीं। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्र भाई, डब्ल्यूसीडी के सचिव इंदेवर पांडे, एमएसडीई के सचिव अतुल कुमार तिवारी, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय में सचिव मुखमीत सिंह भाटिया, खेल विभाग, एमवाईएएस की सचिव सुश्री सुजाता चतुर्वेदी, एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो, शिक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्रीमती अर्चना अवस्थी, राज्यों के प्रतिनिधि और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी सम्मेलन में उपस्थित थे।

अपना संबोधन देते हुए, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री, श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी मंत्री ने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान 2015 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा शुरू किया गया था। उन्होंने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और समान अवसरों के साथ लड़कियों को सशक्त बनाने की दिशा में काम करने के लिए विभिन्न मंत्रालयों के बीच तालमेल पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर लड़कियों और महिलाओं को सशक्त नहीं बनाया गया तो देश आगे नहीं बढ़ सकता। उन्होंने कहा कि सरकार ने लैंगिक रूढ़िवादिता के बावजूद लड़कियों को अपनी पसंद का काम करने के लिए हमेशा प्रोत्साहित और सशक्त किया है।





स्मृति जुबिन ईरानी और किशोर लड़कियों के एक समूह के बीच हुई बातचीत कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रही। इन लड़कियों ने बाल विवाह, लैंगिक भेदभाव और वित्तीय कठिनाइयों को दूर कर एनटीएल में अपने लिए जगह बनाई है। इस बातचीत के दौरान, मंत्री ने कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय स्कूल के बाद शैक्षणिक कोर्स को चुनने के लिए लड़कियों को परामर्श देने और उनकी वित्तीय स्वतंत्रता तथा सशक्तिकरण को सुविधाजनक बनाने के लिए बाल देखभाल संस्थानों में कौशल सेट उपलब्ध कराने की दिशा में भी काम करेगा।

महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्र भाई ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने नारी शक्ति के नए युग की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) सरकार द्वारा चलाए जा रहे सबसे सफल कार्यक्रमों में से एक है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव इंदेवर पांडेय ने कहा कि यह हमारा सामूहिक कर्तव्य है कि हम अपने समाज में महिलाओं के उत्थान की दिशा में काम करें और समावेशिता और समानता के मार्ग में योगदान दें। उन्होंने कहा कि नारी शक्ति हमारे देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।

एमएसडीई की भूमिका पर विस्तार से बताते हुए, एमएसडीई सचिव अतुल कुमार तिवारी ने कहा कि एमएसडीई युवा लड़कियों के लिए एक सुरक्षित और लिंग अनुकूली कौशल वातावरण प्रदान करने और प्रशिक्षण के लिए और अधिक लड़कियों के नामांकन को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न मंत्रालयों के बीच समन्वय कार्यबल में महिलाओं की अधिक, समान और सशक्त भागीदारी की सुविधा प्रदान करेगा। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के सचिव मुखमीत सिंह भाटिया ने कहा कि मंत्रालय ने वंचितों के लिए रोजगार और आजीविका में सुधार के लिए कौशल कार्यक्रम शुरू किए हैं। उन्होंने कहा कि वंचित लड़कियों/युवा महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए कई शैक्षणिक पहले की गई हैं।





खेल विभाग द्वारा की गई विभिन्न पहलों के बारे में बात करते हुए, श्रीमती सुजाता चतुर्वेदी ने कहा कि खेल विभाग विभिन्न खेल सुविधाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर दे रहा है। प्रियांक कानूनगो ने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाएं लड़कियों के लिए शैक्षिक और कौशल प्रशिक्षण आयोजित करने में आने वाली बाधाओं और चुनौतियों को दूर करने में मददगार साबित हो रही हैं। शिक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्रीमती अर्चना अवस्थी ने बताया कि स्कूली शिक्षा के रोजगारोन्मुखी करने को समग्र शिक्षा योजना का एक अभिन्न अंग बनाया गया है, जो स्कूली शिक्षा तक सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करता है, वंचित समूहों और कमजोर वर्गों को शामिल करके समानता को बढ़ावा देता है और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करता है।

"बेटियाँ बने कुशल" कार्यक्रम का देशव्यापी दर्शकों के लिए सीधा प्रसारण किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत गैर-पारंपरिक आजीविका कौशल के परिचय और लड़कियों को कौशल सिखाने की दिशा में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के उल्लेख के साथ हुई। इस अवसर पर नवाचार, उद्यमिता, एसटीईएम शिक्षा, नागरिक नेतृत्व और वित्तीय साक्षरता को प्रदर्शित करने वाली एक फिल्म प्रदर्शित की गई। एनटीएल में लड़कियों की भागीदारी को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों और एनटीएल में लड़कियों की दीर्घकालिक भर्ती तथा स्थिरता सुनिश्चित करने के उपाय पर प्रकाश डाला गया।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (एमडब्ल्यूसीडी), कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) तथा अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय (एमएमए) ने लड़कियों को कौशल प्रदान करने के लिए संयुक्त प्रतिबद्धता के रूप में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। जिसमें मंत्रालयों और विभागों के बीच तालमेल पर जोर दिया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किशोरी लड़की अपनी शिक्षा पूरी करें, अपने कौशल का निर्माण करें और विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग तथा गणित (एसटीईएम) सहित विविध पेशे के कार्यबल में प्रवेश करें, जहां लड़कियों का ऐतिहासिक रूप से कम प्रतिनिधित्व रहा है।

लड़कियों को कौशलयुक्त बनाने पर सर्वोत्तम पहलों का प्रदर्शन किया गया और निजी क्षेत्र तथा नागरिक समाज के प्रतिनिधियों ने एनटीएल में लड़कियों और महिलाओं के स्थायी समावेश पर केस स्टडी प्रस्तुत की। एमडब्ल्यूसीडी ने बीबीबीपी मैनुअल भी लॉन्च किया जिसमें मंत्रालयों और विभागों के बीच समन्वय के लिए कामकाज संबंधी दिशा निर्देश और उपाय बताए गए हैं। सरकारी समाचार पीआईबी के मुताबिक जीवन और रोजगार कौशल, उद्यमिता कौशल, डिजिटल साक्षरता तथा वित्तीय साक्षरता कौशल पर केंद्रित 21वीं सदी के कौशल पर बीबीबीपी के लिए एक कौशल प्रबंधन पोर्टल की स्थापना की घोषणा भी की गई है।

Updated : 12 Oct 2022 4:20 AM GMT
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