नेलपॉलिश भी लगाई तो उँगलिया काट दी जाएगी, तालीबानियों का महिलाओ को फरमान
X
मुंबई : अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में कब्जे के बाद तालिबान का शासन फिर फिर से पूरा लौट आया है, और अब फिर तालिबान अपना शासन अफगानी महिलाओं स्थापित करेगा, बता दे की 2001 के पहले अफगानिस्तान में तालिबान का शासन था और उस दौरान अफगानी महिलाओं को बहुत सहना पड़ा था चाहे वो सजा देने के नाम कोड़ों से मारना या फिर उनके साथ जबरदस्ती करना, अब वही स्थिति फिर से उजागर होने की संभावना है। अफगानी महिलाओं और लड़कियों के रोजमर्रा जिंदगी में उन्हें अब तालिबान के नियमों का करना होता है, नियमों का पालन न करने पर उन्हें कड़ी सजा दी जाएगी।
बता दे कि तालिबान द्वारा महिलाओं और लड़कियों के लिए 10 नियम बनाये गए जो उनकी आज़ादी पर सीधे असर पड़ता है।
1 : महिला अपनी मर्ज़ी से घर के बाहर नहीं जा सकती है किसी घर के करीबी साथ जाना होगा।
2 : घर से बाहर निकलते समय बुर्खा पहनना अनिवार्य होगा।
3 : महिलाएं हाई हील्स सैंडल नहीं पहन पाएंगी इसलिए ताकि पुरुषों को महिलाओं के कदम नहीं सुनने चाहिए।
4 : किसी अनजान व्यक्ति के सामने महिलाओं की आवाज सार्वजनिक रूप से नहीं सुनी जानी चाहिए।
5 : घरों की सभी खिड़कियां पारदर्शी नहीं होनी चाहिए ताकि घर में महिलाओं को कोई न देख सके।
6 : यदि किसी भी स्थान का नाम स्त्री शब्द के नाम से होगा तो उसे हटाना होगा
7 : महिलाएं नहीं ले सकेंगी फोटो, साथ ही, उनकी तस्वीरें अखबारों या किताबों में नहीं छापी जा सकतीं और न ही उन्हें घर पर पोस्ट किया जा सकता है।
8 : बाहर किसी को नजर न आएं इसलिए महिलाओं को बालकनी या खिड़की पर खड़े होने की इजाजत नहीं।
9 : महिलाओं को किसी भी सार्वजनिक प्रोग्राम में शामिल होने की इजाजत नहीं।
10 : महिलाएं नेल पेंट नहीं लगा पाएंगी और साथ ही अपनी मर्जी से विवाह करना भी संभव नहीं है।
तालिबान अपनी क्रूरता भरी दंड के लिए मशहूर है और जो उनके द्वारा बनाये गये नियमों का पालन नहीं करता उन्हें क्रूरता से भरी दंड वाली सजा दी जाती है। अगर कोई नियमों का उलंघन करता है चाहे वह महिला हो या पुरुष उन्हें सार्वजनिक रूप से उसे मार दिया जाता है। तालिबान द्वारा बनाये गये नियम में अगर कोई लड़की अपनी मर्ज़ी से या फिर भागकर शादी करती है तो लड़की नाक कान जैसे अंगो को काट दिया जाता है, तालिबन के शासन में टाइट कपडे नहीं पहन सकते है टाइट कपडे पहनने पर सजा दी जाती है। तालिबान के ऐसी क्रूर भरी शासन में रहना महिलाओं के लिए भयानक परिस्थितियों कम नहीं था।