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विकास के नाम पर अनमोल पर्यावरण को मत करो नष्ट​, ​नाना पटोले का आवाहन

विकास के नाम पर अनमोल पर्यावरण को मत करो नष्ट​, ​नाना पटोले का आवाहन
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स्पेशल डेस्क, मैक्स महाराष्ट्र, मुंबई: हमें एक समृद्ध पर्यावरण विरासत में मिला है, ऐसे में इसे नुकसान पहुंचाए बिना संरक्षित करने के लिए हम सबको मिल कर काम करना है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने यह बात पर्यावरण प्रकोष्ठ द्वारा गुरुवार को वसई में आयोजित राज्य स्तरीय बैठक में कही। उन्होंने कहा कि हमारा देश प्रकृति के मामले में बहुत समृद्ध है। ऐसे में इसे सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है। पटोले ने कहा कि विकास का कोई विरोध नहीं है, लेकिन केंद्र सरकार को लोगों को ध्यान में रख कर विकास योजनाएं बनानी चाहिए। उन्होंने कहा विकास के नाम पर अनमोल पर्यावरण को खराब न करें, बल्कि आने वाली पीढ़ी के भविष्य को देखते हुए इसकी रक्षा करें।


महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पर्यावरण प्रकोष्ठ की राज्य स्तरीय बैठक गुरुवार को वसई में हुई। इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र प्रदेश पर्यावरण प्रकोष्ठ के अध्यक्ष समीर वर्तक, प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे, वसई जिला प्रभारी और प्रदेश महासचिव जो.जो. थॉमस, प्रो. प्रकाश सोनवणे, यशवंत हाप्पे, संदीप पांडे और प्रफुल्ल पाटिल समेत उपस्थित थे।





इस अवसर पर आगे बोलते हुए नाना पटोले ने कहा कि कांग्रेस ने पर्यावरण के महत्व को समझते हुए पर्यावरण प्रकोष्ठ की स्थापना की है। इस विभाग का कार्य प्रदेश में अच्छे तरीके से चल रहा परन्तु इसका और विस्तार किया जाना चाहिए। हमारे विभाग ने गोरेगांव के आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई को रोकने के लिए ठाणे में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के घर के सामने विरोध प्रदर्शन किया था। पटोले ने कहा कि तटीय क्षेत्रों में मैंग्रोव वन पारिस्थितिक रूप से काफी महत्वपूर्ण हैं। यदि यह नष्ट हो जाता है, तो समुद्र तट के किनारे के घर,गांव और कस्बे जलमग्न हो जाएंगे। पटोले ने कहा कि आने वाला समय बहुत कठिन है, यदि हम पर्यावरण की रक्षा नहीं करते हैं तो हमें ऑक्सीजन की कमी के लिए भारी कीमत चुकानी होगी।यहां तक की ऑक्सीजन के लिए युद्ध भी हो सकता है। पटोले ने कहा कि यदि अभी हम लोगों ने पर्यावरण की रक्षा के लिए कदम नहीं उठाए तो भविष्य में यह एक बड़े संकट का न्योता है।

इस अवसर पर बोलते हुए मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने पर्यावरण को बचाने को ध्यान में रखते हुए कई कानून बनाए हैं। यहां तक कि जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थी, तब भी पर्यावरण को बचाने के लिए कई कानून पारित किए गए थे। उन्होंने कहा कि यदि पर्यावरण खत्म हो जाएगा, तो जल और जंगल भी समाप्त हो जाएंगे। आदिवासियों, किसानों और अंततः मानव जाति का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। अतुल लोंढे ने कहा कि आने वाली पीढ़ी के लिए पर्यावरण संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है।ताकि उन्हें भी इसका लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बेहद जरुरी है । इस अवसर पर उपस्थित पदाधिकारियों को पीपल के पौधे देकर सम्मानित किया गया।

Updated : 13 Oct 2022 3:24 PM GMT
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