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हिंदी पर तमिलनाडु में फिर विवाद, कनिमोझी के बाद अब स्टालिन भड़के

हिंदी पर तमिलनाडु में फिर विवाद, कनिमोझी के बाद अब स्टालिन भड़के
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चेन्नई। तमिलनाडु में हिंदी को लेकर उस वक्त एक नया विवाद खड़ा हो गया जब द्रमुक ने आरोप लगाया कि आयुष विभाग द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन बैठक में योग और प्राकृतिक चिकित्सा से जुड़े उन पेशेवरों को बैठक छोड़कर जाने को कहा गया, जो हिंदी नहीं समझ सकते थे. विपक्षी दल ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के प्रमुख एम के स्टालिन ने आरोप लगाया कि इस प्रकरण ने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के अधिकारियों के जरिये हिंदी थोपने के एजेंडे का “पर्दाफाश” हो गया है। पार्टी सांसद कनिमोई ने आयुष मंत्री श्रीपद येस्सो नाइक को पत्र लिखकर मामले में जांच की मांग की है.यह मामला हाल ही में कनिमोई द्वारा किये गए उस दावे के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के एक कर्मी ने उनके हिंदी नहीं बोल पाने पर पूछा था क्या वह भारतीय हैं?

इसके बाद एक बार फिर “हिंदी थोपे जाने” की बहस शुरू हो गई। स्टालिन ने एक बयान में आरोप लगाया कि आयुष सचिव राजेश कोटेचा ने “हिंदी को लेकर अहंकार और आक्रामकता भरा व्यवहार दिखाते हुए योग और प्राकृतिक चितित्सा से जुड़े 37 पेशेवरों को धमकाते हुए कहा कि अगर वे हिंदी नहीं जानते हैं तो ऑनलाइन प्रशिक्षण सत्र छोड़कर चले जाएं।

Updated : 23 Aug 2020 3:30 PM GMT
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