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2020 से ​बंद पड़े ​​सहायक मोटर वाहन निरीक्षक के पद पर भर्ती का रास्ता ​खुला

2020 से ​बंद पड़े ​​सहायक मोटर वाहन निरीक्षक के पद पर भर्ती का रास्ता ​खुला
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स्पेशल डेस्क, मैक्स महाराष्ट्र, पुणे: महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) ने 2020 में सहायक मोटर वाहन निरीक्षक (आरटीओ) के पद के लिए विज्ञापन दिया था। लेकिन प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के बावजूद मामला उच्च न्यायालय में लंबित था, इसलिए 240 पदों पर भर्ती भी रोक दी गई थी। हाईकोर्ट के समक्ष 4 अक्टूबर को सुनवाई के बाद जस्टिस आर.डी धानुका और जस्टिस. कमल खता की खंडपीठ ने छात्रों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कई दिनों से बंद पड़ी सहायक मोटर वाहन निरीक्षक पद की भर्ती का रास्ता साफ कर दिया है। फैसले के बाद अब भर्ती विज्ञापन का इंतजार कर रहे चयनित छात्र। आसिम सरोदे और एड. तृणाल टोंपे, एड. अजिंक्य उडाणे के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। तृणाल टोनपे ने कहा किउच्च न्यायालय के निर्णय के कारण अब अंतिम चयनित उम्मीदवारों की सूची एमपीएससी द्वारा प्रकाशित की जाएगी और उनकी नियुक्ति की जाएगी।


जनवरी 2020 में, MPSC ने सहायक मोटर वाहन निरीक्षक के पद के लिए 240 रिक्तियों का विज्ञापन किया था। उसके बाद प्रारंभिक परीक्षा 15 मार्च 2020 और मुख्य परीक्षा 24 अगस्त 2021 को आयोजित की गई थी जबकि सामान्य मेरिट सूची 22 मार्च 2022 को घोषित की गई थी। लेकिन सभी छात्र 6 महीने से अधिक समय से अंतिम मेरिट सूची का इंतजार कर रहे थे। लेकिन हाईकोर्ट में याचिका लंबित होने के कारण फाइनल मेरिट लिस्ट घोषित करने में दिक्कतें आ रही थी। मुख्य परीक्षा में अच्छे अंक आने पर भी उन्हें उस पद से वंचित रहना पड़ा जो उन्हें मिल रहा था। छात्रों के साथ हो रहे इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के लिए एड. महाराष्ट्र प्रशासनिक न्यायाधिकरण (एमएटी) द्वारा असीम सरोदे के माध्यम से पारित निर्णय के खिलाफ एमपीएससी द्वारा दायर एक याचिका में छात्रों द्वारा एक हस्तक्षेप याचिका दायर की गई थी।

4 अक्टूबर को हुई सुनवाई में दो जजों की बेंच ने दोनों पक्षों को सुना और पीड़ित छात्रों के पक्ष में फैसला सुनाया। इसके बाद चयनित उम्मीदवारों की अंतिम सूची की घोषणा महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग के माध्यम से की जाएगी और दस्तावेज सत्यापन के बाद उन्हें सहायक मोटर वाहन निरीक्षक के पद पर नियुक्त किया जाएगा।

"इस तरह के मामले उच्च न्यायालय में लंबित छात्रों के साथ बहुत बड़ा अन्याय है। अधिवक्ता असीम सरोदे ने राय व्यक्त की कि भारत की प्रशासनिक सेवा के लिए जिम्मेदार युवा न्यायालय प्रणाली में युवाओं की भागीदारी के कारण प्रशासनिक सेवा से वंचित हैं, इसलिए ऐसे मामलों के लिए एक अलग पीठ नियुक्त की जानी चाहिए और इन मामलों का जल्द से जल्द निस्तारण किया जाए।

Updated : 5 Oct 2022 7:35 PM GMT
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