गुवाहाटी. बाढ़ ने असम में तबाही मचा दी है. रविवार को कामरूप स्थित राहत कैंप में रहने वाले लोगों को सरकार द्वारा राशन दिया गया. राष्ट्रपति गांव पंचायत, पश्चिम गांव में सामान पहुंचा रहे लोगों का कहना है कि बाढ़ के कारण कामरूप के 10 गांवों में लगभग 14,625 लोग प्रभावित हुए हैं। हम सभी तक जरूरी सामान को जल्द से जल्द पहुंचाने की कोशिश कर रहे है। बता दें कि असम के 33 में से 33 जिले बाढ़ के पानी से डूब गए हैं। बाढ़ के कारण लगभग 28 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। यहां बाढ़ के कारण हजारों घर क्षतिग्रस्त हो गए, फसलें तबाह हो गईं और कई स्थानों पर सड़कें और पुल टूट गए. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बाढ़ संबंधी अपनी दैनिक रिपोर्ट में बताया कि दो व्यक्तियों की मौत बारपेटा में और एक व्यक्ति की मौत दक्षिण सालमारा जिले में हुई. कुल 105 लोगों की मौत हुई है जिनमें से 26 की जान भूस्खलन की चपेट में आने के कारण गई। इसमें बताया गया कि इस बार बरसात के मौसम में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में 90 पशुओं की जान चली गई।
पलायन कर रहे लोग
बिहार के सुपौल, सहरसा, कटिहार, मधुबनी जिलों के सैकड़ों गांव इस वक्त बाढ़ की चपेट में हैं। कोसी नदी के उफान पर आने के बाद हर साल की तरह इस बार भी गांव में पानी घुस गया है। पानी ने कहीं घरों को डुबोया है, कहीं खेत डुबो दिए तो कहीं सड़क से आवागमन ही बंद कर दिया। बाढ़ से जूझ रहे सहरसा जिले के गांवों में जब हम पहुंचे तो पता चला कि जिन लोगों के घर पानी में डूबे हैं, उनमें से कुछ मंदिरों में रहने लगे हैं। कुछ ने हाईवे के किनारे डेरा लगा लिया तो कुछ का सहारा सरकारी स्कूल, आंगनबाड़ी बन रही हैं। हालात इतने खराब हो रहे हैं कि कई लोग पलायन के लिए मजबूर हो चुके हैं।
असम और बिहार में बाढ़ से तबाही
Team MaxMaharashtra Hindi | 19 July 2020 12:16 PM GMT
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Updated : 19 July 2020 12:16 PM GMT
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