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छेड़खानीः इंसाफ नहीं, मेरी बेटी चाहिए, 20 अगस्त को जाना था अमेरिका

छेड़खानीः इंसाफ नहीं, मेरी बेटी चाहिए, 20 अगस्त को जाना था अमेरिका
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ग्रेटर नोएडा। सुदीक्षा भाटी ने अपनी मेहनत के बलबूते पर अमेरिका में पढ़ाई करने की कामयाबी हासिल की थी। पिता चाय बेचकर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। मामा के घर जाते वक्त बुलंदशहर के रास्ते में शोहदे की छेड़खानी ने उसकी जान ले ली।

सुदीक्षा बाइक सवार मनचले से बचकर आगे बढ़ रही थी, तभी बैलेंस बिगड़ने से सड़क पर गिरी और उसकी मौत हो गई। होनहार बेटी को खोने के गम से पूरा परिवार टूट गया है। पिता जितेंद्र भाटी चाय का ढाबा चलाते हैं। आज फिर एक तारा टूट गया। मुझे पुलिस से कोई इंसाफ नहीं चाहिए। इंसाफ मेरी बेटी को चाहिए। उसका कोई दोष नहीं था। वह तो अमेरिका जाने से पहले अपने मामा और ननिहाल वालों से मिलना चाहती थी। उसने बुलंदशहर से ही अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की थी। पिता बताते हैं कि सुदीक्षा का सिलेक्शन 2011 में विद्या ज्ञान लीडरशिप एकेडमी स्कूल में हुआ था। वहीं से उसकी जिंदगी में बदलाव आया।

2018 की सीबीएसई परीक्षा में 98% अंक हासिल कर बुलंदशहर जिले में टॉप किया था। अगस्त 2018 में वह अमेरिका गई थी। वह अमेरिका के बॉब्सन कॉलेज में बिजनेस मैनेजमेंट का कोर्स कर रही थी। उसे एचसीएल की तरफ से पिछले साल 3.80 करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप मिली थी। सुदीक्षा जून में भारत लौटी थी और उसे 20 अगस्त को अमेरिका लौटना था।

Updated : 11 Aug 2020 11:49 AM GMT
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