शंभू बॉर्डर पर किसानो ने 10 स्थायी क्लीनिक शूरू किए
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देश का अन्यदाता दिल्ली कि सीमाओं पर पिछले कई दिनो से आंदोलन कर रहा है, उसी आंदोलन में एक युवा किसान कि मोत हो गई थी। जिसके बाद पटियाला के राजिन्द्रा अस्पताल में डॉक्टरों के बोर्ड ने खनौरी बॉर्डर पर शहीद शुभकरण के शव का पोस्टमार्टम किया और बठिंडा के गांव बल्लो में किसानों द्वारा श्रद्धांजलि देकर अंतिम संस्कार किया गया। शुभकरण के अंतिम संस्कार के चलते शंभू बॉर्डर पर सुबह होने वाली मीटिंग देर शाम के लिए टाल दी गई क्योंकि प्रमुख लीडरशिप बठिंडा में मौजूद रही।
शुभकरण कि मोत होने के चलते किसानो का गुस्सा सरकार को लेकर बढता नजर आ रहां है। वहीं शुभकरण की मोत के बाद किसानो ने अपनी ओर से काफी तैयारी कर ली है। शंभू बॉर्डर पर करीब 10 स्थायी क्लीनिक शूरू किए गए हैं, जो किसानों की हर बीमारी का उपचार कर रहे हैं बॉर्डर पर 12 से ज्यादा एंबुलेंस हर वक्त तैयार खड़ी हैं किसी भी किसान की तबीयत खराब होती है वह फौरन उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाते हैं। मौके पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी भी 24 घंटे मौजूद रहती है ताकि किसी भी प्रकार से कोई अनहोनी न हो सके।