नर मच्छर या मादा मच्छर ज्यादा खतरनाक होते हैं। क्या मच्छर विच्छेदन की रिपोर्ट प्राप्त हुई है? क्या इसका विसरा उपलब्ध है? - छगन भुजबली
पूर्व मंत्री छगन भुजबल के सवालों से परेशान हुए स्वास्थ्य मंत्री, सभागार में सिर्फ हंसी...
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मुंबई: सरकार द्वारा पकड़े गए मच्छरों की कुल संख्या... मच्छरों का वर्गीकरण करते समय कितने नर और कितने मादा मच्छर पाए गए... नर मच्छर ज्यादा खतरनाक होते हैं या मादा मच्छर ज्यादा खतरनाक? क्या मच्छरों के काटने की सूचना मिली है? क्या इसका विसरा उपलब्ध है? पूर्व मंत्री छगन भुजबल ने ऐसे कई सवाल उठाए और सचमुच स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत को एकदम से सोच में डाल दिया दिया छगन भुजबल के प्रश्नों को सुनकर वो हक्का बक्का हो गए।
स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने पालघर जिले में हाथी पांव के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के संबंध में आज सदन में जवाब दिया। जिसको देने में उन्होंने असमर्थता जताई थी थी और सोमवार को इस पर जानकारी देने की बात कही थी। पालघर जिले में हाथी पांव के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सरकार द्वारा क्या उपाय किए गए हैं, इस पर एक लिखित उत्तर में सरकार ने चयनित क्षेत्रों से मच्छरों का वर्गीकृत किया है। स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने आज हॉल में जवाब दिया कि विच्छेदन किया गया और कहा कि मच्छरों का घनत्व दूर किया जा रहा है।
हालांकि, इस जवाब ने सवालिया निशान खड़ा कर दिया तो पूर्व मंत्री छगन भुजबल ने मच्छरों के वर्गीकरण और विच्छेदन पर सवाल उठाया, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत इसका उचित जवाब नहीं दे सके।.पूर्व मंत्री छगन भुजबल के इन अचानक सवालों से स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत असमंजस में पड़ गए और हॉल में सिर्फ हंसी ही ठहाके लगे।पालघर जिले में हाथी रोग का प्रभाव बढ़ता ही जा रहा है। विधानसभा में विपक्ष के नेता ने पूछा कि राज्य सरकार ने इस संबंध में क्या उपाय किए गए हैं, अजितदादा पवार ने सरकार से इस पर जवाब मांगा था। अपने लिखित जवाब में सरकार ने जवाब दिया था कि मच्छरों को चुनिंदा इलाकों से पकड़ा गया, वर्गीकृत, विच्छेदित और सघन किया गया। इस अजीबोगरीब जवाब पर पूर्व मंत्री छगन भुजबल ने पूछा कि कुल कितने मच्छर पकड़े गए? मच्छरों की छंटाई करते समय कितने नर और कितने मादा मच्छर पाए गए? क्या नर या मादा मच्छर ज्यादा खतरनाक होते हैं? क्या मच्छरों के काटने की सूचना मिली है? क्या इसका विसरा उपलब्ध है? ऐसे मजेदार सवाल छगन भुजबल ने विधानसभा में उठाकर हंसी की गूंज लगवा दी।