जिनकी अपनी पार्टी का कोई पता नहीं है, उन्हें कांग्रेस के बारे में बात नहीं करनी चाहिए- नाना पटोले
एकनाथ शिंदे ने बीकेसी की सभा में पढ़ी भाजपा की स्क्रिप्ट, शिंदे, कांग्रेस को दोष देकर अपने विश्वासघात के पाप को छिपा नहीं सकते- नाना पटोले
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स्पेशल डेस्क, मैक्स महाराष्ट्र, मुंबई: मुंबई के बांद्रा कुर्ला काम्प्लेक्स ( बीकेसी) मैदान में एकनाथ शिंदे गुट की सभा राज्य के विभिन्न हिस्सों से भाड़े की भीड़ जुटा कर आम जनता को झूठी सूचना देने के लिए आयोजित की गई थी, लेकिन इस सभा में आए लोग सीएम एकनाथ शिंदे का भाषण सुने बिना ही चले गए। राज्य की जनता ने देखा कि प्रदेश का मुख्यमंत्री भारतीय जनता पार्टी की कठपुतली की तरह भाषण कर रहे थे। शिंदे गुट पर यह जोरदार हमला प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने किया है। उन्होंने कहा कि शिंदे ने अपने विश्वासघात के समर्थन में भाजपा द्वारा लिखी गई स्क्रिप्ट पढ़ी।
इस संबंध में नाना पटोले ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपनी सभा में कांग्रेस पार्टी की आलोचना की। दरअसल, एकनाथ शिंदे का विश्वासघात शिवसेना का अंदरूनी मामला है। लेकिन हम यह बर्दाश्त नहीं करेंगे कि एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक मंत्री और विधायक बगावत के पाप को छुपाने के लिए बार-बार कांग्रेस की आलोचना करे। शिंदे को इस बात की चिंता नहीं करनी चाहिए कि कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष कौन है या कौन होना चाहिए। पटोले ने कहा कि एकनाथ शिंदे की पार्टी का अभी तक पता नहीं है। ऐसे में उनके द्वारा कांग्रेस के बारे में बात करना हास्यास्पद है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी देश की सबसे पुरानी और अनुभवी पार्टी है । कांग्रेस ने देश को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई। वहीं दुनिया में देश का नाम ऊंचा करने में भी कांग्रेस की प्रमुख भूमिका है। एकनाथ शिंदे का अपना खुद का कोई वजूद नहीं है है। उनकी उपलब्धि बीजेपी के इशारे पर काम करते हुए दिल्ली के आदेश को लागू करना है।
नाना पटोले ने कहा कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने 2019 में अपने निर्वाचित विधायकों के साथ कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के समर्थन से महा विकास आघाडी सरकार बनाई थी। यह सरकार साम्प्रदायिक ताकतों को सत्ता से दूर रखकर राज्य की जनता के कल्याण के लिए बनाई गई थी। एकनाथ शिंदे के साथ गए 40 विधायक भी इस सरकार में शामिल थे। पटोले ने पूछा कि अगर शिंदे गुट को कांग्रेस का समर्थन इतना ही नापसंद था, उन्होंने उस समय सरकार से बाहर जाने की हिम्मत क्यों नहीं दिखाई। आज एकनाथ शिंदे शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के विचारों की विरासत को आगे बढ़ाने की बात कह रहे हैं। ऐसे में क्या शिंदे को पता नहीं है कि शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने राष्ट्रपति पद के लिए कांग्रेस उम्मीदवार प्रतिभाताई पाटील और प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया था। तब एकनाथ शिंदे ने शिवसेना प्रमुख का विरोध करने की हिम्मत क्यों नहीं दिखाई। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी कहा कि अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं और भाजपा के दबाव सामने झुकने वाले एकनाथ शिंदे को अपना पाप छुपाने के लिए कांग्रेस को दोष देना बंद कर देना चाहिए।