मैंने फोन किया लेकिन कैमरा नहीं लगाया: अजित पवार ने ली मुख्यमंत्री चुटकी!!
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मुंबई: मैं राज्य का उपमुख्यमंत्री था, जब हम सत्ता में थे तब हम काम कर रहे थे। काम करते हुए लावारे लवकर फोन, तुरंत फोन करना मेरा स्टाइल था। हालांकि, हमने पहले कभी कैमरा स्थापित नहीं किया है। ुमख्यमंत्री के दो तीन वीडियो सामने आए जिसमें वो फोन पर बात कर रहे है, आप समझ ही गए होगें!! यह आलोचना भरे उद्गार विपक्ष के नेता अजित पवार के है। हमारा मानना है कि ओबीसी आरक्षण के बिना राज्य में चुनाव नहीं होने चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में 12वीं को ओबीसी आरक्षण की सुनवाई होनी है। महाराष्ट्र सरकार ने भी मध्य प्रदेश की तर्ज पर इम्पीरियल डेटा बनाया है।
जैसे सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार के शाही आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए ओबीसी को आरक्षण दिया। उसी तरह महाराष्ट्र सरकार के शाही आंकड़ों को देखते हुए ओबीसी समुदाय को आरक्षण दिया जाना चाहिए। अजित पवार ने कहा, यह हमारी वाजिब उम्मीद है, शिवसेना के बागी विधायकों पर कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इस पर अजित पवार ने यह भी कहा कि सभी विशेषज्ञ अधिवक्ताओं ने उनसे कहा था कि अगर उस सुनवाई में दलबदल विरोधी कानून को सख्ती से लागू किया गया, तो कल का सुप्रीम कोर्ट का फैसला शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के पक्ष में होना चाहिए।
डीपीडीसी (DPDC) मुद्दा जो महाविकास अघाड़ी सरकार द्वारा तय किया गया था। इसको लेकर अजित पवार ने कहा, 'अगर मौजूदा सरकार इन सभी फैसलों को पलटती है तो हम उच्च न्यायालय में अपील करेंगे।' वहीं मेट्रो कार शेड कांजुरमार्ग में होना चाहिए आरे में लाए जाने पर तो बहुत देर हो जाएगी। मेट्रो परियोजना की लागत पहले ही 10,000 करोड़ रुपये बढ़ चुकी है। इसलिए, अगर ऐसे में आरे में मेट्रो कार शेड का पुनर्निर्माण किया जाता है, तो इसकी लागत में 15,000 करोड़ रुपये तक की वृद्धि होने की संभावना है। उन्होंने कहा इसका असर भविष्य में मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों पर भी पड़ेगा। इसलिए विकास कार्यों का विरोध केवल किसी ताकत के खिलाफ नहीं होना चाहिए।