हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने बचाई सरकार, लेकिन संकट अभी टला नहीं
X
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने सरकार तो बचा ली लेकिन अभी संकट टला नहीं है, क्योंकि क्रॅास वोटिंग करने वाले विधायको का अभी कोई सपष्ट बयान नहीं आया है, वह अभी भी हरयाणा के पंचकूला के एक होटल में ठहरे है। नाराज विधायको को मनाने का सिलसीला जारी है, कांग्रेस की ओर से कहां गया कि इन विधायको के खीलाफ कार्यवाई भी की जा सकती है।
आपको बतादे की, 68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 40, भाजपा के 25 व तीन निर्दलीय विधायक हैं, बावजूद इसके राज्यसभा चुनाव में दोनों दलों को 34-34 वोट मिले थे। कांग्रेस के छह व तीन निर्दलीय विधायक भाजपा के पक्ष में खड़े थे। कांग्रेस हाईकमान ने भाजपा की रणनीति को भांपते हुए सरकार बचाने को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिव कुमार व हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को पर्यवेक्षक बनाया, जो बुधवार दोपहर शिमला पहुंचे, उनकी ओर लगातार प्रदेश में जारी राजनितीक संकट को समाप्त करने का सिलसिला जारी है।
वहीं कल हीं राज्य विधानसभा में बजट पैस किया गया विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सदन की कार्यवाही एक दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।
दिन में 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई। संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन चौहान ने मंगलवार को सदन में हुए घटनाक्रम में शामिल विपक्ष के सदस्यों पर कार्रवाई करने की मांग उठाई। विधानसभा अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर सहित 15 भाजपा विधायकों को सदन से निष्कासित कर दिया। इसके बाद सदन में माहौल गर्मा गया। गतिरोध बढ़ने पर विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।