युवाओं को रोजगार देने वाले प्रोजेक्ट गुजरात ले गया अब क्या महाराष्ट्र के युवाओं को सिर्फ दही हांडी फोड़ना चाहिए- बालासाहेब थोरात
1.58 लाख करोड़ का फॉक्सकॉन प्रोजेक्ट गुजरात में कैसे गया? कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोरात ने शिंदे सरकार को घेरा
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स्पेशल डेस्क, मैक्स महाराष्ट्र, मुंबई: फॉक्सकॉन परियोजना के तहत महाराष्ट्र में 1.58 लाख करोड़ रुपए का निवेश होना था। महाविकास आघाड़ी सरकार ने इस परियोजना से जुड़ी लगभग 90 प्रतिशत चीजों को फाइनल कर लिया था , लेकिन जैसे ही राज्य में सरकार बदली, यह परियोजना गुजरात चली गई। आखिर यह प्रोजेक्ट गुजरात कैसे चला गया। इस सवाल का जवाब शिंदे- फडणवीस सरकार को देना चाहिए। राज्य सरकार से यह सुलगता सवाल कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोरात ने किया है। उन्होंने कहा कि लोगों को पता होना चाहिए कि वास्तव में इस प्रोजेक्ट के पीछे का खेल क्या है। थोरात ने कहा कि इस प्रोजेक्ट से 1 लाख नौकरियां सृजित होनी थीं, जिससे राज्य के युवाओं को काफी फायदा होता। उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार देने वाले प्रोजेक्ट के गुजरात जाने के बाद क्या महाराष्ट्र के युवाओं को सिर्फ दही – हांडी फोड़ना चाहिए।
इस संबंध में थोरात ने आगे कहा कि महाराष्ट्र निवेशकों की पसंद का नंबर एक राज्य है। महाविकास आघाडी सरकार के ढाई साल के कार्यकाल के दौरान राज्य में भारी निवेश हुआ और राज्य में लाखों युवाओं को रोजगार प्रदान किया गया। लेकिन माविआ सरकार जाने के ढाई महीने बाद क्या हुआ कि फॉक्सकॉन परियोजना महाराष्ट्र से गुजरात स्थानांतरित हो गई। क्या राज्य सरकार को इस बात की कोई सूचना नहीं मिली है कि यह परियोजना गुजरात जा रही है। इस परियोजना को महाराष्ट्र में बनाए रखने के लिए शिंदे-फडणवीस सरकार ने क्या प्रयास किए. इसका जवाब सरकार को देना चाहिए।
१.५८ लाख कोटींचा फॉक्सकॉन प्रकल्प गुजरातलाच कसा गेला ?
— Balasaheb Thorat (@bb_thorat) September 13, 2022
रोजगार देणारे प्रकल्प गुजरातला आणि महाराष्ट्रातील तरुणांनी काय फक्त दहिहंड्या फोडायच्या का ?
बालासाहेब थोरात ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी और केंद्र की भाजपा सरकार लगातार मुंबई और महाराष्ट्र के महत्व को कम करने की कोशिश कर रही है। इससे पहले मुंबई में बनने वाले इंटरनेशनल फाइनेंस सेंटर को भी गुजरात में स्थानांतरित कर दिया गया था, जब राज्य में सीएम देवेंद्र फडणवीस की सरकार थी। इसके अलावा कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं और कार्यालयों को भी गुजरात में स्थानांतरित कर दिया गया है । थोरात ने कहा कि बुलेट ट्रेन की जरुरत नहीं होने पर भी यह प्रोजेक्ट महाराष्ट्र पर थोपा गया है । उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस बात को लेकर गंभीर नहीं है कि महाराष्ट्र के प्रोजेक्ट फिर से गुजरात जा रहे हैं।
थोरात ने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अभिनंदन समारोह और देवदर्शन में व्यस्त हैं। राज्य का प्रशासन देखने के लिए उनके पास समय नहीं है। अगर दोनों मंत्रियों ने इन मामलों पर थोड़ा ध्यान दिया होता, तो इतनी बड़ी परियोजना महाराष्ट्र के हाथ से नहीं फिसलती। अब निवेश चला गया है और लाखों नौकरियां भी चली गई हैं।