फर्जी जनहित याचिका पहले बंद करें: सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों को सुनाया
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काला कोट पहनते ही आप जनहित याचिका के नाम पर जनहित याचिका (Public interest litigation)दायर करते हैं। आपका जीवन सिर्फ एक वकील के रूप में किंमती नहीं है. अब फर्जी जनहित याचिका को बंद करने का समय है, "सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों से कहा है.
वकील प्रदीप कुमार यादव ने एक याचिका दायर कर 60 वर्ष से कम आयु के वकीलों की कोविड के कारण मौत के मामले में अपने उत्तराधिकारियों को 50 लाख रुपये की सहायता की मांग की थी.
सुप्रीम कोर्ट की बेंच डी.वाई. चंद्रचूड़, विक्रम नाथ, बी.वी. नागरथाना ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि याचिका में किसी एक मांग का कोई ठोस कारण नहीं है. कोर्ट कॉपी-पेस्ट याचिका को कैसे पढ़ सकता है? ऐसा सवाल जज ने याचिकाकर्ता से पूछा.
आप एक वकील हैं जब देश में इतने लोग कोविड के कारण मर रहे हैं, तो सिर्फ आपके लिए अपवाद क्यों बनाया जाए? ऐसे कहकर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की सुनवाई की.