बह गई बैलगाडी नाले में, बैलगाड़ी सहित किसान को ग्रामीणों निकाला सुरक्षित बाहर
किसान सहित बैल सुरक्षित लेकिन हादसे के बाद ग्रामीणों में सरकार के खिलाफ नाराजगी, कहा क्यों नहीं सुन रही है सरकार हमारी बात
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चंद्रपुर: एक किसान बैलगाड़ी के साथ नाले में बहने का दर्दनाक मोबाइल में स्थानीय लोगों कैद किया। बैलगाडी के साथ किसान को नाले में बहता देख पास के ग्रामीणों ने भी किसान की मदद की और बैलगाडी के साथ उसको बाहर निकाला। चंद्रपुर जिले के कोरपना तालुका की यह घटना है यहां के नंदा में नाले में बाढ़ आ गई है। पिछले 10 दिनों से यह नाला बाढ़ के पानी से भरकर हिलोरे मार है। पुल के दूसरी ओर के सात से आठ गांवों को इस नाले को पार कर किसानों को अपनी खेती के कार्य के लिए खेतों में जाना पड़ता है। पिछले 15 साल से इस नाले पर पुल बनाने की ग्रामीणों की मांग को सरकार ने अब तक ध्यान नहीं दिया है।
यही सड़क आगे कोरपना-आदिलाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ती है। लेकिन इस मार्ग पर बना बारहमासी नाला विकास में रोड़ा बन गया है। इससे पहले भी हर साल बरसात में यह नाला बरसात के पानी से भरकर उफान मारता है और हादसे होते रहते है। लोगों का कहना है इसको लेकर सरकार और प्रशासन तक कई बार नाले पर पुल बनाने की हम लोगों ने मांग की कहा जाता है कि पुल बनेगा लेकिन वो मांग के बाद फिर ठंडे बस्ते में चला जाता है। जब कोई बड़ा हादसा होगा तब क्या सरकार इस ओर ध्यान देगी। लोगों में इस हादसे के बाद सरकार के खिलाफ नाराजगी है। चंद्रपुर पूरा बरसात के पानी से हिलोरे मार रहा है सड़कें तालाब बन गई पिछले दिनों पुलिस ने 22 से अधिक वाहन चालकों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला।
स्थानीय लोगों के मुताबिक बैलगाड़ी तेज बहाव में बह गई, जबकि बैलगाड़ी में सवार दो लोग आवश्यक कृषि कार्य के लिए बाढ़ से गुजर रहे थे। नदी किनारे ग्रामीणों की मदद से बैलों के साथ गाड़ी सहित दोनों किसानों की जान बचाई गई। हादसे किसान का नाम गहिनीनाथ वराटे है। स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव में भी प्रशासन सरल संचार की समस्याओं को अक्षम्य रूप से अनदेखा कर रहा है इससे यह तस्वीर बताती है कि हम अब भी विकास में कितना पीछे है।