गिरगिट की तरह रंग बदला गद्दारों ने, 27 तारीख के बाद हम शुरू करेंगे अपना काम- चंद्रकांत खैरे
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औरंगाबाद: शिवसेना के पूर्व सांसद वरिष्ठ नेता चंद्रकांत खैरे ने जमकर आज शिवसेना छोड़कर गए गद्दारों पर जमकर हमला किया। चंद्रकांत खैरे ने कहा कि 27 तारीख तक शांत रहो क्यों कि 27 तारीख को उद्धव ठाकरे साहेब का जन्मदिन है। उसके बाद हमें काम शुरू करने का है तैयार रहो। गद्दारों के बारे में उन्होंने कहा कि इन्होंने गिरगिट की तरह रंग बदला इन गिरगिटों को बदले रंग को हमें बदलना है। उन्होंने कहा कि शिवसेना प्रमुख ने पार्टी में किसको क्या नहीं पद दिया शाखा प्रमुख से नगरसेवक, महापौर, विधायक, मंत्री सांसद केंद्रीय मंत्री से मुख्यमंत्री तक का पद किसको दिया शिवसैनिकों को ही ना ? नाम लिए एकनाथ शिंदे, उदय सामंत, गुलाबराव पाटील.संदीपन भुमरे पर जमकर हमला बोला कहा कि क्या थे तुम कौन तुमको क्या बनाया भूल गए उसकी पीठ में छुरा मारा, उन्होंने ने उपस्थित जनता और शिवसेना के कार्यकर्ताओं से उत्तर मांगा काय कराय चे असा गद्दारा ना? इन गद्दारों का क्या करना है जोर की आवाजा आई इनके पैर पकडकर इनको नीचे खींच फेंकना है। खैरे ने अपने भाषण में कहा कि कि दाढ़ी को अक्ल नहीं दाढ़ी यानी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, जिसने धर्मवीर आनंद दिघे साहेब पर फिल्म बनाई उसका इस्तेमाल करके भाजपा ने शिवसेना के साथ गद्दारी।
अपने भाषण में कड़े शब्दों से गद्दारों पर हमला करते हुए चंद्रकांत खैरे ने कहा कि लांगडे तांगडे काय बोलते त्याना काही माहिती, उनको क्या मालुम युवा सेना ची ताकत क्या है, कुछ लोग मुझे देख लेने की बात कहते है मैं तुमको कुछ नहीं मानता मैं दाढ़ी को खुली चुनौती देता हुँ तुम क्या जिसके दम पर उड रहे हो। उन्होंने कहा कि संदीपन भुमरे शिवसेना छोड़कर बहुत पहले जाने वाला था मैंने उद्धव साहब को कहकर उसको विधायक का टिकट दिलवाया, कई बार पैसे भी दिए उसकी हालत देखकर, विधायक बनने के बाद उसको मंत्री बनने की इच्छा हुई मैंने उद्धव साहब को कहा मंत्री बन गया, औरंगाबाद के पैठण विधानसभा से वो विधायक बनने के बाद मंत्री बना तो विकास के लिए निधी नहीं मिलने की बात करने लगा निधी उसको मिलती थी लेकिन उसका कुछ हिस्सा रखकर वो काम करता था उसकी एक सूची भी है मेरे पास क्या काम किया विधानसभा में जाने पर लोग घरों से बाहर आकर बताएंगे।
बंद दरवाजों के पीछे उस मुलाकात का राज चंद्रकांत खैरे का
2019 के चुनाव के लिए हुई बैठक में ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद साझा करने का फैसला किया गया. लेकिन बाद में अमित शाह ने अपनी बात बदल दी और संदेश दिया कि मुख्यमंत्री का पद 5 साल तक भाजपा के पास रहेगा, शिवसेना सांसद चंद्रकांत खैरे ने दावा किया है। खैरे ने यह दावा औरंगाबाद में आदित्य ठाकरे की बैठक में बोलते हुए किया।