महाराष्ट्र में फिर से होने लगी है रेमडेसिवीर की कालाबाजारी
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मुंबई। महाराष्ट्र में एक बार फिर से जीवन रक्षक दवा रेमडेसिवीर (Remdesivir) की क़िल्लत रिपोर्ट हो रही है, मुंबई के अलावा ग्रामीण इलाक़ों से भी. इधर केंद्र सरकार द्वारा रेमडेसिवीर और प्लाज्मा थेरेपी के कम से कम इस्तेमाल के निर्देशों ने डॉक्टरों के लिए उलझन पैदा कर दी है. महाराष्ट्र की ताज़ा गाइडलाइन तो कोरोना से मध्यम (मॉडरेट) तौर से बीमारों को भी रेमडेसिवीर देने की बात कहती है. कोरोना से ग्रस्त गंभीर मरीज़ों के लिए रेमडेसिवीर इंजेक्शन ज़िंदगी की एक आस बनकर उभरा है, लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने अपने इस ताज़ा गाइडलाइन में ‘मॉडरेट' यानी मध्यम रूप से बीमार कोरोना मरीज़ों के लिए भी इसे देने की हरी झंडी दे दी है.
नतीजा, मुंबई ही नहीं महाराष्ट्र के कई ज़िलों से इस जीवन रक्षक इंजेक्शन की कमी की रिपोर्ट आ रही है। डॉ. अविनाश भोंडवे कहते हैं, 'ना केवल मुंबई, ठाणे, पुणे जैसे शहर बल्कि महाराष्ट्र के कई ग्रामीण इलाक़े जैसे कि बुलढाना, गढ़चिरौली, जालना, चंद्रपूर, बीड, उस्मानाबाद, ऐसी जगहों पर भारी कमी है. 22 सितम्बर को 15,779 इंजेक्शन थे, वो अभी ख़त्म होने को हैं. सरकार ने बोला था कि 30 सितम्बर तक डेढ़ लाख उपलब्ध करेंगे. लेकिन अभी तक नहीं हुए हैं. इंजेक्शन की काला बाज़ारी भी चालू है, कुछ दिन पहले 4,000 में जो इंजेक्शन मिल रहा था, सरकार ने उसकी क़ीमत 2,626 की है लेकिन असल में 10-15 हज़ार में भी बिक रहा है।