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बिहार में का बा, गठबंधन की बहार बा
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विधानसभा चुनाव 2020:
बिहार में पहले चरण के मतदान के लिए नामांकन शुरु होने के साथ ही चुनावी गठबंधन का दौर शुरू है। बिहार के चुनावी अखाड़े में एक दो नहीं बल्कि पांच-पांच गठबंधन ताल ठोंक रहे है। जदयू, भाजपा, कांग्रेस, राजद, लोजपा, एमआइएम सहित कई दल हैं, जो गठबंधन कर किसी भी हालत में सत्ता अपनी तरफ खिंचने के पक्ष में है। यहां लड़ाई चतुष्कोणीय हो गई है। कई क्षेत्रीय दल हावी हैं, वोट काटने से कईयों दलों का खेल खराब हो सकता है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनावी समर में उतरने वाला एनडीए फिलहाल तो मजबूत दिख रहा है। जेडीयू, BJP, LJP और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा इसमें शामिल है। फिलहाल सीट बंटवारे को लेकर लोजपा और जेडीयू के बीच टकराव है।
एनडीए मजबूत पर तीसरे मोर्च की ताकत भी बढ़ी, बिगाड़ेंगे खेल
चुनावी अखाड़े में सत्तारूढ़ एनडीए को चुनौती देने का काम महागठबंधन कर रहा है, जिसमें आरजेडी इस वक्त बड़े भाई की भूमिका में है। महागठबंधन की पूरी कोशिश है कि वह एकजुट होकर चुनाव में एनडीए का मुकाबला करें। बिहार के बाहुबली नेता की छवि रखने वाले पप्पू यादव चुनाव से ठीक पहले दलित-पिछड़ा वोट बैंक को सधाने के लिए प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक अलायन्स बनाकर चुनावी मैदान में आ डटे है। चुनाव तारीखों के एलान के साथ ही चुनाव मैदाने में इस तीसरे मोर्च की ताकत बढ़ती जा रही है। दलित वोट बैंक को एकजुट करने के लिए वंचित बहुजन आघाड़ी और भीम आर्मी समेत कई छोटे दल लगातार इस गठबंधन में शामिल होते जा रहे है।
रालोसपा-बसपा की राह एक
ओबीसी वोट बैंक में मजबूत पकड़ रखने वाले उपेंद्र कुशवाहा ने अब अपनी अलग राह पकड़ ली है। अब रालोसपा और बसपा एक साथ आकर गठबंधन के तौर पर चुनावी मैदान में आ डटी है। एक दूसरा गठबंधन यूनाइटेड डेमोक्रेटिक सेक्युलर एलायंस है। बिहार में मुस्लिम वोटरों के सहारे अपने पैर जमाने की कोशिश में लगी असदुद्दीनऔवेसी की पार्टी एमआईएम और समाजवादी जनता दल इसमें शामिल है। बिहार विधानसभा चुनाव में कोई भी दल अकेले चुनाव लड़ने की स्थिति में नहीं है और न ही अकेले बिहार में कोई सरकार बना सकता है। इसलिए इस बार बिहार के चुनाव में गठबंधन की बयार है।
इन युवा कंधों पर विशेष जिम्मेदारी
इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में कई युवा चेहरे चुनावी रण की धूरी रहेंगे. इनमें से अधिकतर अपने दल के मुखिया हैं. यह चुनाव न केवल इनके मेहनत पर टिका है, बल्कि उनके द्वारा किया गया नीति निर्धारण भी विधानसभा चुनाव में उनके दल का भविष्य निर्धारित करेगा.राष्ट्रीय जनता दल इस बार का विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ रहा है. लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान भी युवा हैं. भीम आर्मी के चंद्रशेखर रावण भी बिहार के चुनावी रण में कूद चुके हैं। पुष्पम प्रिया चौधरी भी बीते कई माह से चुनावी समर की तैयारी में लगी हुई हैं।
महागठबंधन में हो गया सीटों बंटवारा, NDA में कब
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन में सीट शेयरिंग का ऐलान हो गया है। बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से 144 पर राष्ट्रीय जनता दल, 70 पर कांग्रेस और 29 सीटों पर लेफ्ट चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस स्क्रीनिंग कमिटी के चेयरमैन अविनाश पांडे ने इस दौरान कहा कि 2015 के चुनाव के दौरान बिहार की जनता ने महागठबंधन को भारी बहुमत दिया था।
'मोदी से कोई बैर नहीं नीतीश तेरी खैर नहीं'
लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने ट्वीट किया है कि बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट विजन डॉक्यूमेंट 2020 को हम हर कीमत पर लागू करेंगे। चिराग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ की अपनी तस्वीर भी ट्वीट की है और कहा है कि हमारे हर प्रत्याशी प्रधानमंत्री के हाथों को मजबूत करेंगे। लोजपा प्रमुख लगातार सूबे के मुखिया नीतीश कुमार पर हमला बोल रहे हैं। वहीं जेडीयू की ओर से भी पलटवार किया जा रहा है। इसी बीच राजधानी पटना में लोजपा की ओर से जारी एक पोस्टर चर्चा का विषय बना बना है। पोस्टर पर लिखा है कि 'मोदी से कोई बैर नहीं नीतीश तेरी खैर नहीं'।